
ग्वालियर। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ग्वालियर में एक अनूठी और अद्वितीय पहल हुई है। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की परिकल्पना को साकार करते हुए समाज की आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा और जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर “शक्ति दीदी” के रूप में तब्दील कर दिया गया। आज ग्वालियर जिले के अनेक पेट्रोल पंपों पर यह शक्ति दीदियाँ फ्यूल डिलेवरी वर्कर की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
जनसम्पर्क अधिकारी मधु सोलापुरकर ने रविवार को बताया कि कलेक्टर ने इन शक्ति दीदियों को फ्यूल वर्कर के रूप में नौकरी दिलाने की अनूठी पहल का जो सिलसिला शुरू किया, वह अब काफी आगे बढ़ चुका है। अभी तक जिले के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर 45 जरूरतमंद महिलायें शक्ति दीदी के रूप में काम करके अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन-पोषण कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा के अनुरूप महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिये ग्वालियर जिले में “शक्ति दीदी” के नाम से इस पहल की शुरूआत की। कहानी भी काफी रोचक है। दरअसल हर मंगलवार को लोगों की समस्यायें जानने के लिये कलेक्ट्रेट में होने वाली जन-सुनवाई में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के समक्ष अनेक ऐसी जरूरतमंद, विधवा लेकिन ऊर्जा से ओत-प्रोत महिलायें अपने नौकरी के आवेदन लेकर पहुँचती थीं। ऐसी महिलाओं को देखकर कलेक्टर के मन में यह कल्पना आई कि इन्हें पेट्रोल पंपों पर फ्यूल डिलेवरी वर्कर का काम भी सौंपा जा सकता है। उन्होंने ऐसी जरूरतमंद महिलाओं से भी इस बारे में बातचीत में राय चाही तो ज्यादातर महिलाओं ने इस काम के प्रति अपना उत्साह दिखाया। इसके बाद पेट्रोल पंप डीलर्स से भी उन्होंने बात की और अंतत: ग्वालियर में “शक्ति दीदी” के रूप में महिलायें पेट्रोल पंपों पर नजर आना प्रारंभ हो गईं।
शक्ति दीदियों को पेट्रोल पंप की कमान सौंपने का श्रीगणेश भी समारोहपूर्वक हुआ। जिले में 2 जनवरी 2025 को पाँच पेट्रोल पंपों पर 7 शक्ति दीदियों को फ्यूल डिलेवरी वर्कर के रूप में कार्यरत किया गया। इसके साथ ही 16 जनवरी को 5 अन्य पेट्रोल पंपों पर 6 शक्ति दीदियों को, 12 फरवरी को 5 पेट्रोल पंपों पर 7 शक्ति दीदियों को, 5 मार्च को जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 4 पेट्रोल पंपों पर 7 शक्ति दीदियों को, 2 अप्रैल को शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के 5 पेट्रोल पंपों पर 7 शक्ति दीदियों को और एक मई को 6 पेट्रोल पंपों पर 11 शक्ति दीदियों को फ्यूल डिलेवरी वर्कर का काम सौंपा गया। पेट्रोल पंपों पर शक्ति दीदियों को फ्यूल डिलेवरी की जिम्मेदारी सौंपते समय कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह ने उपस्थित होकर शक्ति दीदियों को एप्रन पहनाकर उनका मनोबल बढ़ाया। इसके साथ ही उनकी सुरक्षा के लिये समीप स्थित पुलिस थाने को भी निरंतर मॉनीटरिंग करने की जवाबदारी सौंपी। जिले में अब तक 30 पेट्रोल पंपों पर 45 शक्ति दीदियां फ्यूल वर्कर के रूप में अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर महिला सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं।
शक्ति दीदियों को दिया गया है सुरक्षा का कवच
जिले में महिला सशक्तिकरण के लिये संचालित “शक्ति दीदी” परियोजना के तहत कार्यरत महिलाओं को प्रशासन की ओर से सुरक्षा कवच भी दिया गया है। सभी पेट्रोल पंपों पर पुलिस के उड़नदस्ते द्वारा निरंतर भ्रमण कर महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जा रही है। सभी महिलायें प्रात: 9 बजे से शाम 5 बजे तक पेट्रोल पंपों पर फ्यूल डिलेवरी का दायित्व संभाल रही हैं।
यह सिलसिला थमा नहीं है
महिला सशक्तिकरण के लिये जिले में “शक्ति दीदी” बनाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। जरूरतमंद एवं आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान निरंतर कार्य कर रही हैं। जिले की ऐसी महिलाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग में संपर्क कर अपना आवेदन देने का आग्रह भी किया गया है। प्राप्त आवेदनों पर कलेक्टर स्वयं जरूरतमंद महिलाओं से संवाद स्थापित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त कराने की दिशा में कार्य कर रही हैं। जिले की शक्ति दीदियाँ न केवल अब सशक्त हुई हैं बल्कि अन्य महिलाओं में भी स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उत्साह पैदा कर रही हैं।