भोपाल। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए रविवार की रात एक खास खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसमें आसमान में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। दरअसल, आज की रात सन् 2022 के बाद सबसे लंबी अवधि का चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इस दौरान मध्यरात्रि आसमान में तामिया लाल चांद दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जा रहा है। इसे भारत के साथ ही आस्ट्रेलिया, एशिया अफ्रीका और यूरोप सहित विश्व की लगभग 85 आबादी देख पाएगी। यह इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण होगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने चंद्रमा और सूर्य के बीच और एक सीध में पृथ्वी के आ जाने से होने वाली इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्वी के बीच में आ जाने से सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इससे चंद्रग्रहण की स्थिति बनती है। इस समय पृथ्वी की वायुमंडलीय परतों में से गुजरते हुए लाल तरंगें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, जिससे चंद्रमा लाल तामिया दिखता है। इस रंग के कारण इसे ब्लड मून भी कहा जाता है।
सारिका घारू ने बताया कि भारतीय समयानुसार आंशिक ग्रहण का आरंभ रात्रि 09 बजकर 57 मिनिट 09 सेकंड से होगा। इसके बाद रात्रि 11 बजकर 48 सेकंड की स्थिति में पूर्णचंद्रग्रहण दिखना आरंभ होगा। पूर्णग्रहण की स्थिति रात्रि 12 बजकर 22 मिनट 51 सेकंड तक रहेगी। इसके बाद पुन: आंशिक ग्रहण चलता रहेगा, जो कि रात्रि 01 बजकर 26 मिनट 31 सेकंड पर समाप्त होगा।
सारिका ने बताया कि इस खगोलीय घटना में पूर्ण ग्रहण अवधि या टोटेलिटी डयूरेशन लगभग एक घंटा 22 मिनट रहेगा, जबकि सन् 2022 में हुए चंद्रग्रहण की पूर्णता अवधि 1 घंटा 25 मिनट थी। इस तरह यह 2022 के बाद सबसे लंबी अवधि का पूर्णचंद्रग्रहण है। खास बात यह है कि इसे देखने के लिये किसी विशेष यंत्र जैसे टेलिस्कोप या ग्रहण के चश्मे की जरूरत नहीं होगी। खाली आंखों से ही इसे देखा जा सकता है।
You may also like
टैटू के प्रति जुनून: मॉडल ब्रियाना टॉड की अनोखी कहानी
मुंबई पुलिस को जिनका इंतजार...MP पुलिस ने कर लिया गिरफ्तार, दिल्ली-नोयडा में बैठकर 5 राज्यों में फैलाया साइबर ठगी जाल
ENG ने टी-20 मैच में ठोके 304 रन, साउथ अफ्रीका के खिलाफ फिल सॉल्ट ने बनाए 141 रन
तंदूरी रोटी के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें इसके नुकसान
क्या खर्राटे लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?