राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की मांग पर केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार से अलवर के सरिस्का और जयपुर के नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र में हो रही व्यावसायिक गतिविधियों पर रिपोर्ट मांगी है। बेनीवाल ने सोमवार सुबह केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की ओर से भेजे गए जवाब की तस्वीर शेयर कर यह जानकारी दी।
क्या है पूरा मामला?
हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा के बजट सत्र में मुद्दा उठाया था कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के बावजूद सरिस्का और नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि अधिकारी सरकार के संरक्षण में होटल मालिकों और खदान संचालकों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से इन अभ्यारण्यों के नक्शे बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
वन विभाग के एसीएस से मांगी रिपोर्ट
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने हनुमान बेनीवाल को पत्र भेजकर जानकारी दी है कि मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है और आवश्यक निर्देश भी दिए हैं। हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है कि दोनों अभ्यारण्य क्षेत्रों को बचाने के लिए इस मामले का संज्ञान लेकर प्रतिबंधित क्षेत्र में संचालित व्यावसायिक गतिविधियों को रोका जाए और उनके खिलाफ आर्थिक जुर्माना लगाया जाए तथा आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
पेड़ों की कटाई का मुद्दा भी उठा
हनुमान बेनीवाल ने दक्षिण जयपुर के डोल का बरह क्षेत्र में प्रस्तावित पीएम यूनिटी मॉल के लिए करीब 2500 पेड़ों की कटाई का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने मांग की है कि डोल का बरह को संरक्षित किया जाए और यहां प्रस्तावित परियोजना के नाम पर पेड़ों की कटाई न की जाए।