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राजस्थान में महिला आरक्षण बना दिखावा? गांवों में नाम की 'सरपंच' महिलाएं, फैसलों पर अब भी पुरुषों का दबदबा

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2 अक्टूबर 1959 को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पंचायती राज संस्था की शुरुआत कर गांवों की सूरत बदलने का सपना देखा था। इसके बाद धीरे-धीरे गांवों के विकास ने गति पकड़ी। वहीं, 24 अप्रैल 1993 से जब 73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ तो पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया। इससे बड़ी संख्या में महिलाएं विभिन्न पदों पर निर्वाचित हुईं। इसके बाद महिला आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।

इन सभी अच्छी खबरों के बीच हकीकत यह भी है कि कई ग्राम पंचायतों में महिलाएं सिर्फ नाम की सरपंच रह गई हैं। उनके पति या परिवार के पुरुष सदस्य उनकी ओर से फैसले लेते हैं। घूंघट में रहने वाली महिला सरपंच अब पर्दे के पीछे चली गई हैं। हालांकि, एक उजला पक्ष यह भी है कि पढ़ी-लिखी महिलाएं जनप्रतिनिधि के तौर पर गांवों के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं।

पंचायती राज दिवस का महत्व
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जमीनी स्तर पर स्थानीय स्वशासन और लोकतंत्र के महत्व को उजागर करता है। पंचायती राज संस्थाएं सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाती हैं। वे वंचित वर्ग की भागीदारी भी सुनिश्चित करती हैं। ऐसे में महिला प्रतिनिधियों को अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।

फैक्ट फाइल
-2.63 लाख पंचायती राज संस्थाएं, तीनों स्तरों पर।
-32.29 लाख कुल निर्वाचित प्रतिनिधि
-15.03 लाख कुल महिला प्रतिनिधि
-46.6 प्रतिशत निर्वाचित महिला प्रतिनिधि

इसलिए मनाया जाता है 24 अप्रैल
भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को अलग से पंचायती राज मंत्रालय बनाया गया था। भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का कारण 73वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 है जिसे 24 अप्रैल 1993 से लागू किया गया था। नागौर के लिखमाराम चौधरी देश के पहले जिला प्रमुख चुने गए थे।राजस्थान देश का पहला राज्य था जहां पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई थी। इसके बाद इसे आंध्र प्रदेश में लागू किया गया।

राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार
हर साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार दिए जाते हैं। यह ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों या जिला परिषदों द्वारा किए गए प्रभावी और अभिनव प्रयासों को मान्यता देने के लिए दिया जाता है।

ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति मिले
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाएगा। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला स्तर पर ग्रामीण विकास योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण विकास को गति मिल सके।

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