चीन का कहना है कि अमेरिका ने उनके व्यापार समझौते का 'गंभीर उल्लंघन' किया है और वह अपने हितों की रक्षा के लिए सख़्त क़दम उठाएगा.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वॉशिंगटन ने पिछले महीने जेनेवा में वार्ताओं के दौरान हुए समझौते को 'गंभीर रूप से कमज़ोर' किया है, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे से आयातित वस्तुओं पर शुल्क (टैरिफ़) कम करने पर सहमति जताई थी.
मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा कि अमेरिका की कार्रवाइयों ने जनवरी में चीन के नेता शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फ़ोन पर हुई बातचीत के दौरान बनी सहमति का भी गंभीर उल्लंघन किया है.
ये टिप्पणियाँ ट्रंप के उस बयान के बाद आई हैं जिसमें उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि चीन ने "हमारे साथ हुए समझौते का पूरी तरह उल्लंघन किया है."
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी, लेकिन व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर ने बाद में कहा कि चीन ने समझौते के तहत नॉन-टैरिफ़ बाधाओं को हटाने की प्रक्रिया नहीं अपनाई.
मई में जेनेवा में हुई बैठक में हुए व्यापार समझौते के तहत, अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क को 145% से घटाकर 30% कर दिया था. वहीं, चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गए शुल्क को 125% से घटाकर 10% कर दिया था.
अब चीन ने क्या लगाया आरोप?सोमवार को चीन ने कहा कि अमेरिका द्वारा समझौते के उल्लंघन में चीनी कंपनियों को कंप्यूटर चिप डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर की बिक्री रोकना, चीनी टेक कंपनी ख़्वावे द्वारा बनाए गए चिप्स के उपयोग के ख़िलाफ़ चेतावनी देना, और चीनी छात्रों के वीज़ा रद्द करना शामिल हैं.
जेनेवा में हुए समझौते को लेकर कई विश्लेषकों ने हैरानी जताई थी, क्योंकि समझौते से पहले ऐसा लग रहा था कि दोनों पक्ष व्यापार के कई मुद्दों पर बहुत दूर थे.
इस समझौते ने ये भी दिखाया कि आमने-सामने की वार्ताओं के दौरान अमेरिका और चीन के बीच समझौते संभव हैं.
हालांकि अब फिर से तीखी बयानबाज़ी शुरू हो गई है, जिससे मौजूदा समझौते के नाज़ुक होने की समस्या उजागर हुई है और यह स्पष्ट करता है कि दीर्घकालिक व्यापार समझौता करना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
हालाँकि हालिया आरोप यह संकेत देते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच वार्ताएँ अच्छी नहीं चल रही हैं, लेकिन रविवार को व्हाइट हाउस के दो आला अधिकारियों ने संकेत दिया कि डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग शीघ्र ही बातचीत कर सकते हैं.

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बीबीसी के सहयोगी चैनल सीबीएस न्यूज़ से कहा कि व्यापार से संबंधित ब्योरा "शी और ट्रंप की बातचीत के बाद स्पष्ट हो जाएंगे", लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह बातचीत कब होगी.
राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट ने एबीसी न्यूज़ को बताया कि दोनों नेताओं के बीच इस हफ्ते बातचीत होने की उम्मीद है और "दोनों पक्षों ने बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की है."
हैसेट ने संभावित बातचीत पर कहा, "मुख्य बात यह है कि हमें इस चीज़ के लिए तैयार रहना चाहिए कि चीज़ें हमारी इच्छा के अनुसार नहीं हो रही हैं."
लेकिन चीन चाहता है कि ऐसे समझौते पहले निचले स्तर पर तय कर लिए जाएँ, उसके बाद ही वे राष्ट्रपति के आगे पेश किए जाएँ.
पिछले सप्ताह, ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका इस बुधवार से स्टील और एल्युमीनियम पर मौजूदा 25% शुल्क को दोगुना कर 50% कर देगा.
शुक्रवार को पेंसिल्वेनिया के पीट्सबर्ग में एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह क़दम स्थानीय स्टील इंडस्ट्री और राष्ट्रीय आपूर्ति को बढ़ावा देगा, और चीन पर निर्भरता को कम करेगा.
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