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हरियाणा में महिला टीचर की मौत: पुलिस कार्रवाई में 'चूक' और अब 'सुसाइड नोट' के दावे पर गुस्से में लोग

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@HaryanaAbvp टीचर की मौत के बाद भिवानी में विरोध में प्रदर्शन

हरियाणा के भिवानी ज़िले में एक शिक्षिका की लाश मिलने के पांच दिन बाद भी प्रदर्शन जारी हैं.

प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने भिवानी और दादरी ज़िले में दो दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का आदेश जारी किया है.

भिवानी की रहने वाली 19 साल की महिला टीचर 11 अगस्त को लापता हुईं थीं. वह पास के ही एक प्ले स्कूल में पढ़ाती थीं. 13 अगस्त को उनका शव सिंघानी नहर के पास क्षतिग्रस्त हालत में मिला.

पांच दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. इस बीच राज्य सरकार, भिवानी के पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर भी कर चुकी है.

पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स से लेकर नेताओं तक, हर कोई सिंघानी पहुंच रहा है. ये वो जगह है जहां लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि महिला के साथ रेप हुआ है. वे इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. अब तक मृतका का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ है.

इस मामले में कई ऐसे सवाल हैं, जो सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पर पूछे जा रहे हैं.

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कब, क्या हुआ? image @HaryanaAbvp भिवानी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय से डी.सी. कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला.

11 अगस्त- परिवार के मुताबिक मृतका घर से स्कूल के लिए निकली थी, जहां से उन्हें नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लेने जाना था. घर न लौटने पर लोहारू थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज हुई.

12 अगस्त- युवती का कोई सुराग नहीं मिला.

13 अगस्त- सिंघानी गांव के खेतों में शव क्षतिग्रस्त हालत में मिला.

14 अगस्त- पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका का गला करीब 30 सेंटीमीटर कटा हुआ पाया गया. परिवार ने शव लेने से इनकार किया और भिवानी के जिला अस्पताल में धरना प्रदर्शन शुरू हुआ.

15 अगस्त- परिवार ने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की.

16 अगस्त- भिवानी के पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर और रोहतक के पीजीआई में दोबारा पोस्टमार्टम हुआ.

17 अगस्त- धरना प्रदर्शन कई शहरों तक फैल गया.

18 अगस्त- सोशल मीडिया पर मृतका का कथित सुसाइड नोट वायरल होने लगा.

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क्या रेप हुआ? image @diprobhiwani धरना स्थल पर हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी भी पहुंचीं.

भिवानी के बाद रोहतक के पीजीआई में मृतका का दोबारा पोस्टमार्टम किया गया.

पीजीआई के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. कुंदन मित्तल ने मीडिया को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है.

उन्होंने कहा कि मृतका के शरीर पर "सीमेन जैसा कुछ नहीं मिला" है.

डॉक्टर कुंदन मित्तल ने बताया कि मृतका के शरीर पर चोट के निशान भी नहीं मिले हैं.

रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वाई पूरन कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "परिवार का आरोप था कि रेप हुआ है, लेकिन रिपोर्ट में कोई स्ट्रगल मार्क्स नहीं आए हैं. जांच के लिए जो स्वैब (वजाइना स्वैब) लिए गए थे उनमें सीमेन मार्क नहीं हैं."

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क्या गला काटा गया? image @HaryanaAbvp हरियाणा के कई शहरों में महिला टीचर की मौत के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका का गला करीब 30 सेंटीमीटर तक कटा हुआ था.

परिवार का आरोप है कि मृतका की हत्या की गई है, लेकिन रोहतक पीजीआई के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. कुंदन मित्तल इसका खंडन करते हैं.

उनका कहना है, "गर्दन के निशान इररेगुलर थे. कोई गर्दन काटेगा तो शॉर्प निशान आते हैं. ये निशान ऐसे थे जैसे किसी ने खा रखा हो. मृत शरीर जंगल में कहीं पड़ा था."

डॉक्टर ने संभावना जताई है कि जंगली जानवरों के नोचने की वजह से भी शव का ऐसा हाल हो सकता है.

उन्होंने कहा, "गर्दन की जो हड्डियां टूटी हुई थीं, वो भी इररेगुलर थीं."

विसरा जांच में क्या पता चला image @JJPBhiwaniMahen मृतका को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन करते लोग

डॉ. कुंदन मित्तल का कहना है कि मृतका का विसरा जांच के लिए भेजा गया था, जिसमें जहर पाया गया है.

उन्होंने कहा, "उनके शरीर में ऑर्गेनोफॉस्फोरस मोनोक्रोटोफॉस इंसेक्टिसाइड पाया गया है."

मोनोक्रोटोफॉस एक ऑर्गेनोफॉस्फोरस ग्रुप का इंसेक्टिसाइड (कीटनाशक) है. यह कपास और धान जैसी फसलों को कीटनाशकों से बचाने का काम करता है. यह काफी ख़तरनाक होता है.

क्या तेजाब डाला गया ?

इस मामले में मृतका के चेहरे पर तेजाब डालने की बातें भी उठ रही हैं.

इस सवाल के जवाब में डॉ. कुंदन ने बताया कि इस पहलू की भी जांच की गई है.

उन्होंने कहा, "तेजाब की जांच के लिए बाल भेजे गए थे. उसकी रिपोर्ट भी आ गई है. रिपोर्ट में केमिकल नहीं मिले हैं."

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कथित सुसाइड नोट image Indervesh_Duhan मृतका का गांव

मृतका का शव मिलने के पांच दिन बाद अचानक से एक सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगता है.

ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह सुसाइड नोट मृतका का है, जो रोमन लिपि में हरियाणवी लहजे में कॉपी के एक पन्ने पर लिखा हुआ था.

सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस ने पांच दिनों तक सुसाइड नोट का जिक्र क्यों नहींं किया. इस सवाल के जवाब में पुलिस महानिरीक्षक वाई पूरन कुमार का कहना है कि पुलिस को सुसाइड नोट मौके से मिला था.

उन्होंने कहा, "13 अगस्त को मृत शरीर के साथ मौके पर ही सुसाइड नोट मिला था…यह पहले से मौजूद था. आप भी समझते हैं कि जांच के दौरान शुरुआती चरण में जो तथ्य होते हैं उन्हें ऐसे बाहर नहीं दिया जाता."

पूरन कुमार ने बताया, "प्रथम दृष्टया परिवार वालों ने माना था कि सुसाइड नोट में उनकी (मृतका) हैंडराइटिंग है."

आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. अगर आप भी तनाव से गुजर रहे हैं तो भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 से मदद ले सकते हैं. आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए.

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पुलिस पर कार्रवाई image homeharyana.gov.in हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने 15 अगस्त को भिवानी के पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर किया.

हरियाणा सरकार ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक समेत छह पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की है.

15 अगस्त को हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने भिवानी के पुलिस अधीक्षक मनबीर सिंह को ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया.

आदेश के मुताबिक उनकी जगह पर आईपीएस सुमित कुमार को भिवानी का एसपी बनाया गया है.

इसके अलावा लोहारू के थाना प्रभारी अशोक, महिला एएसआई शकुंतला, इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (डायल-112) टीम के एएसआई अनूप, कांस्टेबल पवन और एसपीओ धर्मेंद्र को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है.

क्या कहते हैं जानकार? image Indervesh_Duhan पुलिस को गांव में आने से रोकने के लिए रास्तों को प्रदर्शनकारियों ने बंद कर दिया है

भिवानी के स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार इन्द्रवेश दुहन का कहना है कि आस-पास के जिलों में हर कोई इसे लेकर बात कर रहा है.

वे कहते हैं, "शहर के अलग-अलग संगठन विरोध में चक्का जाम कर रहे हैं. बड़े-बड़े सोशल इन्फ्लुएंसर से लेकर नेता धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से यह मामला बहुत बड़ा हो गया है."

उनका कहना है, "एक 21 सदस्यीय कमेटी धरने का संचालन कर रही है, जहां सुबह से शाम तक लोगों के आने का सिलसिला जारी है."

वहीं रोहतक के वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र कंवारी का कहना है, "हरियाणा में महिला टीचर की मौत के मामले में दो पक्ष हैं. एक जनता का पक्ष है और दूसरा पुलिस का."

उनका कहना है, "पुलिस ने काफी देर की, लेकिन ये साफ बता दिया कि ये सुसाइड केस है. हालांकि जनता पुलिस की इस थ्योरी पर भरोसा नहीं कर रही है. पुलिस की बात किसी के गले नहीं उतर रही है."

वे कहते हैं, "हरियाणा में लंबे समय बाद किसी एक मुद्दे पर पूरा हरियाणवी समाज एक साथ आया है. सोशल मीडिया हो या गांव की चाैपाल हो कोई यह मानने को तैयार नहीं है कि महिला टीचर ने आत्महत्या की है."

"इस मामले में सुसाइड नोट से लेकर मृतका के शरीर पर मिले निशान समेत दर्जनभर ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस के पास भी नहीं हैं. गांव, गवाहंड और पूरे हरियाणा में आज हर कोई न्याय की मांग कर रहा है और सब इसको लेकर मुखर हैं."

धर्मेंद्र कंवारी का कहना है, "इस मामले में अगर कोई मौन है तो वो है सत्ता पक्ष. पुलिस के गले में यह केस एक ऐसी हड्डी बन गया है जिसे ना उगलते बन रहा है और ना ही निगलते."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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