सिर्फ एक साल में 13,000% का जबरदस्त रिटर्न देने वाला स्मॉलकैप स्टॉक RRP सेमीकंडक्टर एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है एक झूठी अफवाह, जिसमें दावा किया गया कि क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर ने इसमें निवेश किया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर ये चर्चा तेज हो गई थी कि मास्टर ब्लास्टर ने इस कंपनी में पैसा लगाया है, जिसके बाद शेयर में जबरदस्त तेजी देखी गई। कंपनी का शेयर BSE पर पिछले दस महीनों में ₹10 से बढ़कर 9,000 रुपए तक पहुंच गया - यानी निवेशकों को बेमिसाल रिटर्न मिला। लेकिन अब कंपनी ने खुद सामने आकर इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
14 अक्टूबर को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में RRP सेमीकंडक्टर ने साफ-साफ कहा कि सचिन तेंदुलकर का कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है। न तो उन्होंने कंपनी के शेयर खरीदे हैं, न ही वे शेयरहोल्डर हैं। वे न बोर्ड में शामिल हैं, न किसी तरह की एडवाइजर की भूमिका में। कंपनी का कहना है कि कुछ 'अनुचित और भ्रामक इरादे' रखने वाले लोग सोशल मीडिया पर ये अफवाहें फैला रहे हैं, जिससे स्टॉक में अचानक तेजी आई।
सचिन तेंदुलकर से जुड़ी अफवाहों का खंडन
RRP सेमीकंडक्टर ने साफ किया है कि सचिन तेंदुलकर कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर नहीं हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार से कंपनी को कोई 100 एकड़ जमीन भी नहीं मिली है, जैसा कि कुछ लोगों ने अफवाहों में बताया था। कंपनी ने ये भी माना है कि उसकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि शेयर की कीमत इतनी तेजी से बढ़ने का सही कारण बनी। इस बात को कंपनी ने पहले भी BSE को बताया था। RRP सेमीकंडक्टर के कुल शेयरों में से लगभग 99% शेयर लॉक-इन (अस्थायी रूप से बेचे नहीं जा सकते) हैं, जो 31 मार्च 2026 तक डिपॉजिटरी में बंद रखे गए हैं। कंपनी के बोर्ड के सदस्यों या प्रमुख अधिकारियों ने कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग नहीं की है।
आम लोगों के पास केवल लगभग 4,000 शेयर
आम लोगों के पास केवल लगभग 4,000 शेयर हैं, जो डिमैट (डिजिटल) फॉर्म में हैं। कंपनी का कहना है कि कुछ लोग इन कम शेयरों की अनैतिक तरीके से खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। इससे कंपनी और सचिन तेंदुलकर दोनों की छवि को नुकसान पहुंच रही है। कंपनी ने इन झूठी अफवाहों और बदनाम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) रेशियो 1,764 है, जो कि इंडस्ट्री के औसत 73.33 से बहुत ज्यादा है। यह बताता है कि कंपनी के शेयरों की कीमत उसके असली मुनाफे के मुकाबले बहुत अधिक बढ़ गई है। दिलचस्प बात ये है कि कंपनी के प्रमोटर्स के पास केवल 1.28% शेयर हैं, जबकि बाकी 98.72% शेयर आम लोगों के पास हैं। इससे पहले मार्च 2024 में प्रमोटर्स के पास 74.5% शेयर थे, जो अब बहुत कम हो गए हैं।
31 करोड़ का कारोबार और बढ़ता मुनाफा
वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी का कुल कारोबार 31.59 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल के 38 लाख रुपए से काफी ज्यादा है। इसी तरह इस साल कंपनी को 8.4 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ, जबकि पिछले साल कंपनी को थोड़ा घाटा हुआ था। आरआरपी सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करती है। यह सेमीकंडक्टर्स और डिजिटल चिप्स का व्यापार करती है।
डिस्क्लेमर : यह खबर केवल जानकारी देने के लिए है। इसे किसी भी स्टॉक में खरीदारी या बिकवाली की सलाह ना समझें।
14 अक्टूबर को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में RRP सेमीकंडक्टर ने साफ-साफ कहा कि सचिन तेंदुलकर का कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है। न तो उन्होंने कंपनी के शेयर खरीदे हैं, न ही वे शेयरहोल्डर हैं। वे न बोर्ड में शामिल हैं, न किसी तरह की एडवाइजर की भूमिका में। कंपनी का कहना है कि कुछ 'अनुचित और भ्रामक इरादे' रखने वाले लोग सोशल मीडिया पर ये अफवाहें फैला रहे हैं, जिससे स्टॉक में अचानक तेजी आई।
सचिन तेंदुलकर से जुड़ी अफवाहों का खंडन
RRP सेमीकंडक्टर ने साफ किया है कि सचिन तेंदुलकर कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर नहीं हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार से कंपनी को कोई 100 एकड़ जमीन भी नहीं मिली है, जैसा कि कुछ लोगों ने अफवाहों में बताया था। कंपनी ने ये भी माना है कि उसकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि शेयर की कीमत इतनी तेजी से बढ़ने का सही कारण बनी। इस बात को कंपनी ने पहले भी BSE को बताया था। RRP सेमीकंडक्टर के कुल शेयरों में से लगभग 99% शेयर लॉक-इन (अस्थायी रूप से बेचे नहीं जा सकते) हैं, जो 31 मार्च 2026 तक डिपॉजिटरी में बंद रखे गए हैं। कंपनी के बोर्ड के सदस्यों या प्रमुख अधिकारियों ने कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग नहीं की है।
आम लोगों के पास केवल लगभग 4,000 शेयर
आम लोगों के पास केवल लगभग 4,000 शेयर हैं, जो डिमैट (डिजिटल) फॉर्म में हैं। कंपनी का कहना है कि कुछ लोग इन कम शेयरों की अनैतिक तरीके से खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। इससे कंपनी और सचिन तेंदुलकर दोनों की छवि को नुकसान पहुंच रही है। कंपनी ने इन झूठी अफवाहों और बदनाम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। कंपनी का प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) रेशियो 1,764 है, जो कि इंडस्ट्री के औसत 73.33 से बहुत ज्यादा है। यह बताता है कि कंपनी के शेयरों की कीमत उसके असली मुनाफे के मुकाबले बहुत अधिक बढ़ गई है। दिलचस्प बात ये है कि कंपनी के प्रमोटर्स के पास केवल 1.28% शेयर हैं, जबकि बाकी 98.72% शेयर आम लोगों के पास हैं। इससे पहले मार्च 2024 में प्रमोटर्स के पास 74.5% शेयर थे, जो अब बहुत कम हो गए हैं।
31 करोड़ का कारोबार और बढ़ता मुनाफा
वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी का कुल कारोबार 31.59 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल के 38 लाख रुपए से काफी ज्यादा है। इसी तरह इस साल कंपनी को 8.4 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ, जबकि पिछले साल कंपनी को थोड़ा घाटा हुआ था। आरआरपी सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करती है। यह सेमीकंडक्टर्स और डिजिटल चिप्स का व्यापार करती है।
डिस्क्लेमर : यह खबर केवल जानकारी देने के लिए है। इसे किसी भी स्टॉक में खरीदारी या बिकवाली की सलाह ना समझें।
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