केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कहा है कि भारत रूसी क्रूड ऑयल की खरीद जारी रखेगा। उनका कहना है कि इस मामले में सिर्फ देश के हित को देखा जाएगा। चाहे क्रूड ऑयल रूस से आए या कहीं और से, फैसला इसी बात पर होगा कि कौन सा ऑप्शन हमारे लिए सस्ता, सुविधाजनक और फायदेमंद है।
सीतारमण ने एक इंटरव्यू में बताया कि भारत का क्रूड ऑयल का आयात बिल सबसे बड़ा है और रूस से आने वाला तेल अब भारत की जरूरतों का लगभग 40% पूरा करता है। रूस-यूक्रेन विवाद से पहले यह हिस्सा बहुत कम था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि GST जैसे सुधारों से आयात पर लगने वाले टैक्स संबंधी दिक्कतें कम होंगी।
50% टैरिफ से जूझ रहे उद्योगों को सरकार का सहारा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन उद्योगों को भरोसा दिलाया है जो 50% टैरिफ की वजह से नुकसान झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मदद के लिए एक खास पैकेज ला रही है, जिसमें कई उपाय शामिल होंगे। 'जिन्हें नुकसान हुआ है, उनके लिए कुछ न कुछ जरूर किया जाएगा।'
भारत-चीन के रिश्तों पर भी बोलीं वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत और चीन के बीच अगर रिश्ते सुधारने हैं, तो सच्ची और गंभीर बातचीत जरूरी है। उन्होंने कहा- 'अगर बातचीत सिर्फ नाम की होगी और हर बार टाली जाएगी, तो किसी नतीजे पर पहुंचने में बहुत समय लगेगा।' सीतारमण का मानना है कि भारत और चीन के बीच व्यापार और निवेश को लेकर बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत ने हाल ही में चीन से कुछ निवेश प्रोजेक्ट्स के लिए नियमों में ढील दी है।
पेट्रोल और शराब पर GST लगेगा?
जब उनसे पूछा गया कि क्या पेट्रोल और शराब को GST के दायरे में लाया जाएगा, तो उन्होंने साफ कहा - अभी ऐसी कोई योजना नहीं है।
रूस से तेल खरीद पर भारत का बचाव
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदने के भारत के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने कोई नियम नहीं तोड़ा है और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनियाभर में तेल की कीमतें बढ़ने से रोकने में भारत की बड़ी भूमिका रही है। हालांकि, भारत के इस फैसले की अमेरिका लगातार आलोचना कर रहा है। व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि भारत रूस को क्रूड ऑयल को खरीदकर उसकी 'जंग की मशीन' को फंड दे रहा है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि यूक्रेन युद्ध अब 'मोदी की जंग' बन गई है।
हरदीप सिंह पुरी ने 2 सितंबर को कहा- 'ईरान या वेनेजुएला के क्रूड ऑयल के विपरीत, रूसी क्रूड ऑयल पर G7 और यूरोपीय यूनियन द्वारा तय किया गया एक प्राइस-कैप सिस्टम लागू है, जिसका उद्देश्य सप्लाई बनाए रखना और रूस की आमदनी को सीमित करना है। भारत द्वारा की गई हर खरीद कानूनी शिपिंग, बीमा, नियमों के अनुरूप ट्रेडर्स और ऑडिटेड चैनलों के जरिए ही की गई है।' उन्होंने आगे कहा- 'भारत ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। बल्कि इसके उलट, हमारी खरीद ने बाजार को स्थिर रखने और तेल की कीमतों को बहुत ज्यादा बढ़ने से रोकने में मदद की है।'
सीतारमण ने एक इंटरव्यू में बताया कि भारत का क्रूड ऑयल का आयात बिल सबसे बड़ा है और रूस से आने वाला तेल अब भारत की जरूरतों का लगभग 40% पूरा करता है। रूस-यूक्रेन विवाद से पहले यह हिस्सा बहुत कम था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि GST जैसे सुधारों से आयात पर लगने वाले टैक्स संबंधी दिक्कतें कम होंगी।
50% टैरिफ से जूझ रहे उद्योगों को सरकार का सहारा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन उद्योगों को भरोसा दिलाया है जो 50% टैरिफ की वजह से नुकसान झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मदद के लिए एक खास पैकेज ला रही है, जिसमें कई उपाय शामिल होंगे। 'जिन्हें नुकसान हुआ है, उनके लिए कुछ न कुछ जरूर किया जाएगा।'
भारत-चीन के रिश्तों पर भी बोलीं वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत और चीन के बीच अगर रिश्ते सुधारने हैं, तो सच्ची और गंभीर बातचीत जरूरी है। उन्होंने कहा- 'अगर बातचीत सिर्फ नाम की होगी और हर बार टाली जाएगी, तो किसी नतीजे पर पहुंचने में बहुत समय लगेगा।' सीतारमण का मानना है कि भारत और चीन के बीच व्यापार और निवेश को लेकर बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत ने हाल ही में चीन से कुछ निवेश प्रोजेक्ट्स के लिए नियमों में ढील दी है।
पेट्रोल और शराब पर GST लगेगा?
जब उनसे पूछा गया कि क्या पेट्रोल और शराब को GST के दायरे में लाया जाएगा, तो उन्होंने साफ कहा - अभी ऐसी कोई योजना नहीं है।
रूस से तेल खरीद पर भारत का बचाव
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदने के भारत के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने कोई नियम नहीं तोड़ा है और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनियाभर में तेल की कीमतें बढ़ने से रोकने में भारत की बड़ी भूमिका रही है। हालांकि, भारत के इस फैसले की अमेरिका लगातार आलोचना कर रहा है। व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि भारत रूस को क्रूड ऑयल को खरीदकर उसकी 'जंग की मशीन' को फंड दे रहा है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि यूक्रेन युद्ध अब 'मोदी की जंग' बन गई है।
हरदीप सिंह पुरी ने 2 सितंबर को कहा- 'ईरान या वेनेजुएला के क्रूड ऑयल के विपरीत, रूसी क्रूड ऑयल पर G7 और यूरोपीय यूनियन द्वारा तय किया गया एक प्राइस-कैप सिस्टम लागू है, जिसका उद्देश्य सप्लाई बनाए रखना और रूस की आमदनी को सीमित करना है। भारत द्वारा की गई हर खरीद कानूनी शिपिंग, बीमा, नियमों के अनुरूप ट्रेडर्स और ऑडिटेड चैनलों के जरिए ही की गई है।' उन्होंने आगे कहा- 'भारत ने कोई नियम नहीं तोड़ा है। बल्कि इसके उलट, हमारी खरीद ने बाजार को स्थिर रखने और तेल की कीमतों को बहुत ज्यादा बढ़ने से रोकने में मदद की है।'
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