हर साल, हम अपने जन्मदिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि यह दिन हमारे लिए विशेष होता है। इस दिन को मनाने के लिए लोग विभिन्न तरीकों का सहारा लेते हैं। आमतौर पर, लोग इस दिन अपने पसंदीदा केक को काटते हैं और जश्न मनाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोग जन्मदिन पर केक पर लगी मोमबत्तियों को क्यों बुझाते हैं? आइए, हम आपको इसके पीछे के कारण बताते हैं।
भारत में, मोमबत्तियों को बुझाने की परंपरा विदेशी है। यह रिवाज भारत में नहीं, बल्कि विदेशों से आया है। भारतीय संस्कृति में इसे अशुभ माना जाता है।
इस परंपरा का इतिहास प्राचीन ग्रीस से जुड़ा हुआ है। वहां के लोग जन्मदिन पर जलती हुई मोमबत्तियों के साथ ग्रीक देवताओं के पास जाते थे और मोमबत्तियों से केक पर देवता का चिह्न बनाते थे।
मोमबत्तियों को बुझाने का उद्देश्य यह था कि उनके धुएं को आस-पास फैलने दिया जाए। यूनानी मान्यता के अनुसार, मोमबत्तियों का धुआं शुभ माना जाता था और इसे भगवान तक प्रार्थनाओं को पहुँचाने का माध्यम माना जाता था। इसलिए, वे लोग केक पर लगी मोमबत्तियों को बुझाते थे।
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