Tempered Glass Effect on Battery Life: क्या आपके भी फोन की बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो जाती है? कई बार बहुत कम यूज के बाद भी फोन जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है. इसके पीछे कई वजहें होती हैं, लेकिन एक ऐसी भी वजह है जिसे लोग बहुत कम ही ध्यान देते हैं, वो है टेम्पर्ड ग्लास! ज्यादातर लोग स्क्रीन प्रोटेक्शन के लिए लोकल या सस्ता टेम्पर्ड ग्लास इस्तेमाल कर लेते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह न सिर्फ आपके फोन की टच क्वालिटी पर असर डालता है बल्कि फोन की बैटरी पर भी जल्दी खत्म करता है? आज के डिजिटल दौर में जहां हर मिनट बैटरी मायने रखती है वहां अगर कोई छोटा-सा एक्सेसरी बड़ा नुकसान कर रहा हो तो उसे नजरअंदाज करना बिलकुल भी सही नहीं है. आइए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कैसे एक गलत टेम्पर्ड ग्लास आपके फोन की बैटरी लाइफ को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए.
ग्लास और बैटरी का क्या है कनेक्शन?
टेम्पर्ड ग्लास कई तरह के होते हैं. उन्हीं में से एक होता है प्राइवेसी टेम्पर्ड ग्लास. इस ग्लास को खासतौर पर उन लोगों के लिए डिजाइन किया जाता है जो अपनी स्क्रीन पर दिखाई देने वाली जानकारी को दूसरों की नजरों से बचाना चाहते हैं. इसमें एक खास लेयर लगी होती है जो स्क्रीन की लाइट को साइड एंगल्स से ब्लॉक करने का काम करती है. इसका नतीजा ये होता है कि स्क्रीन सिर्फ सीधा देखने पर ही साफ दिखाई देती है जबकि किनारों से देखने पर काली नजर आती है. एक तरफ जहां इसका फायदा है तो वहीं दूसरी तरफ नुकसान भी है. यह टेम्पर्ड ग्लास डिस्प्ले को थोड़ा डिम कर देता है. जिसके कारण यूजर को ब्राइटनेस बढ़ानी पड़ती है और लगातार ज्यादा ब्राइटनेस रखने से फोन की बैटरी ज्यादा तेजी से खर्च होती है.
जानकारों का मानना है कि अगर फोन पर प्राइवेसी टेम्पर्ड ग्लास लगा हो तो बैटरी करीब 10-15% तक जल्दी खत्म हो सकती है. इसका असर लंबे समय तक बना रहता है जिससे न केवल चार्ज बार-बार करना पड़ता है बल्कि फोन की बैटरी हेल्थ पर भी असर पड़ता है.
नॉर्मल बनाम यूवी टेम्पर्ड ग्लास: कौन सा है बेहतर?
अगर आप अपने फोन की स्क्रीन को सिर्फ टूटने-फूटने से बचाने के लिए ग्लास लगवा रहे हैं तो एक अच्छी क्वालिटी वाला नॉर्मल टेम्पर्ड ग्लास ही काफी है. यह न सिर्फ स्क्रीन को सेफ रखता है बल्कि फोन की बैटरी या टच पर भी कोई असर नहीं डालता. वहीं दूसरी तरफ, बाजार में UV टेम्पर्ड ग्लास भी मिलते हैं. इन्हें चिपकाने के लिए एक खास तरह का UV ग्लू का इस्तेमाल होता है, जो फोन की टच स्क्रीन, स्पीकर, बटन और यहां तक कि वॉटर रेजिस्टेंस को भी नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ मामलों में देखा गया है कि UV टेम्पर्ड लगाने के बाद फोन की टच काम करना बंद कर देती है या स्क्रीन रिस्पॉन्स धीमा हो जाता है. इसलिए अगर आपको सिर्फ बेसिक प्रोटेक्शन चाहिए, तो नॉर्मल टेम्पर्ड ग्लास ही सबसे बेहतर और सेफ ऑप्शन है.
सही सेलेक्शन है बहुत जरूरी
स्मार्टफोन एक्सपर्ट्स और बड़ी कंपनियां यूजर्स को प्राइवेसी और UV टेम्पर्ड ग्लास का इस्तेमाल कम से कम करने का सलाह देती हैं, क्योंकि ये बैटरी और टच पर असर डाल सकते हैं. टेक्नोलॉजी के साथ अब टेम्पर्ड ग्लास स्क्रीन प्रोटेक्शन का जरूरी हिस्सा बन चुका है. अगर आपकी जरूरत सिर्फ स्क्रीन की सेफ्टी है तो नॉर्मल टेम्पर्ड ग्लास सबसे बेस्ट ऑफ्शन हो सकता है. इससे न सिर्फ बैटरी बचती है बल्कि आपके आंखों पर भी कोई असर नहीं होता है.
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