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भारत के व्यापार पर लगाए गए बैन के कारण बांग्लादेश को 770 मिलियन डॉलर का नुकसान

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नई दिल्ली, 18 मई . बांग्लादेश से आयात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले से पड़ोसी देश में क्रॉस बॉर्डर ट्रेड प्वाइंट के माध्यम से आने वाले 770 मिलियन डॉलर (6,600 करोड़ रुपए) मूल्य के सामानों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद की जा रही है.

थिंक-टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “618 मिलियन डॉलर (5,290 करोड़ रुपए) मूल्य के रेडीमेड कपड़ों को अब केवल दो भारतीय बंदरगाहों के माध्यम से सख्त मार्ग का सामना करना पड़ रहा है. इससे बांग्लादेश का भारत के लिए सबसे मूल्यवान एक्सपोर्ट चैनल सीमित हो गया है.”

सीमा पर लैंड कस्टम स्टेशनों के माध्यम से भारत में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किए गए अन्य सामानों में फलों के स्वाद वाले कार्बोनेटेड पेय, प्रोसेस्ड फूड, कपास और सूती धागे का वेस्ट, प्लास्टिक और पीवीसी तैयार माल और लकड़ी के फर्नीचर शामिल हैं. इन वस्तुओं का कुल मूल्य लगभग 153 मिलियन डॉलर (1,310 करोड़ रुपए) आंका गया है.

भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने शनिवार को तत्काल प्रभाव से बांग्लादेश से भारत में रेडीमेड गारमेंट्स, प्रोसेस्ड फूड आदि जैसे सामानों के आयात पर भूमि बंदरगाह प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की.

निर्देश के अनुसार, “बांग्लादेश से सभी प्रकार के रेडीमेड गारमेंट्स का आयात किसी भी भूमि बंदरगाह से नहीं किया जा सकेगा, हालांकि, इसे केवल न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाहों के माध्यम से ही अनुमति दी जाएगी.”

इससे पहले, भारत ने बांग्लादेश के लिए ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को समाप्त कर दिया था, जिससे बांग्लादेश को भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से अपने उत्पादों को दूसरे देशों में निर्यात करने की अनुमति मिल गई थी.

चीन के बाद भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. वित्त वर्ष 2022-23 में, बांग्लादेश-भारत व्यापार लगभग 16 बिलियन डॉलर का था.

इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, बांग्लादेश ने लगभग 14 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया, जबकि भारत को उसका निर्यात मात्र 2 बिलियन डॉलर रहा.

एसकेटी/एबीएम

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