Lucknow, 7 नवंबर . Enforcement Directorate (ईडी) के Lucknow जोनल कार्यालय ने फर्जी डिग्री घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत उत्तर प्रदेश, दिल्ली और Haryana में कुल 15 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया.
ईडी की यह जांच उत्तर प्रदेश एसटीएफ की ओर से मई 2025 में की गई कार्रवाई के आधार पर शुरू की गई थी. 18 मई 2025 को एसटीएफ ने हापुड़ स्थित मोनाड विश्वविद्यालय में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में जाली शैक्षणिक दस्तावेज बरामद किए थे. इनमें मार्कशीट, डिग्री, प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट शामिल थे, जिन्हें कथित रूप से विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया था. जांच में सामने आया कि विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों ने हजारों फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उनकी बिक्री कर भारी अवैध कमाई की.
इस मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और थाना पिलखुआ, जिला हापुड़ में First Information Report संख्या 290/2025 दर्ज की गई थी. जांच में यह भी सामने आया कि विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र सिंह हुड्डा इस संगठित रैकेट का मुख्य सरगना है. वह मोनाड विश्वविद्यालय का कुलाधिपति और नियंत्रण प्राधिकरण है तथा इसी नेटवर्क के माध्यम से नकली डिग्रियों का निर्माण और वितरण कराता था. इसके अलावा, वह सरस्वती मेडिकल कॉलेज, उन्नाव का सचिव भी है.
एसटीएफ ने जांच पूरी करने के बाद 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र संख्या 01/2025 दिनांक 11 अगस्त 2025 को सीजेएम कोर्ट, हापुड़ में दाखिल किया. इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच शुरू की.
ईडी के तलाशी अभियान के दौरान 43 लाख रुपये की नकदी, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं. एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस घोटाले से अर्जित धन को किस प्रकार से निवेश या सफेद किया गया. ईडी की यह कार्रवाई आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे की ओर इशारा कर रही है.
Enforcement Directorate ने यह कार्रवाई मोनाड विश्वविद्यालय से जुड़े फर्जी डिग्री घोटाले की जांच के सिलसिले में की.
इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में कुल 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें यूनिवर्सिटी का मुख्य परिसर और उन्नाव स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज भी शामिल है. यह मामला लंबे समय से जांच एजेंसियों की निगरानी में था, क्योंकि इस रैकेट से हजारों छात्रों के भविष्य पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
जांच एजेंसियों के अनुसार, विजेंद्र सिंह और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने मोनाड यूनिवर्सिटी के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियों का खेल चलाया, जिसमें कई राज्यों के छात्र शामिल हो सकते हैं.
–
एसएके
You may also like

BB 19 Eviction: अभिषेक के बेघर होने से फैंस का खौला खून, मेकर्स को दी धमकी- बजाज नहीं तो बिग बॉस नहीं देखेंगे

इंदौरः केमिस्ट्री लैब में हुई घटना पर प्रशासनिक दल ने लिया स्थिति का जायजा, सभी विद्यार्थी सुरक्षित

फिलीपींस की ब्रह्मोस तैनाती से हिला चीन! पाकिस्तान का देख चुका अंजाम, भारत ने कैसे बदला दक्षिण चीन सागर का गेम?

बिहार चुनाव: पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान के पीछे क्या है एसआईआर फ़ैक्टर?

बस 1ˈ महीने तक सरसों के तेल में ये एक चीज मिलाकर लगाए गंजे सिर में उगने लगेंगे नए बाल लोग कहने लगेंगे जुल्फी जुल्फी﹒




