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अटारी बॉर्डर से लौटीं पाकिस्तानी महिलाओं ने कहा, 'मुझे पाकिस्तान जाना है'

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जोधपुर, 27 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त फैसले लिए. इसमें पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश भी शामिल है. भारत सरकार के फैसले का असर अटारी बॉर्डर पर देखने को मिल रहा है. जहां काफी तादाद में पाकिस्तानी घर लौटने के लिए पहुंचे. लेकिन, कुछ पाकिस्तानी महिलाओं को बीएसएफ ने जाने से रोक दिया. अटारी बॉर्डर से जोधपुर लौटी कुछ महिलाओं ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि माहौल तनावपूर्ण है. लेकिन, हमें पाकिस्तान जाना है. हमारे लिए कोई समाधान होना चाहिए.

पाकिस्तानी महिला अफशीन जहांगीर ने न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि मैं कराची में रहती हूं. मेरे माता-पिता का घर जोधरपुर में है. यहां आए हुए 30 दिन हो गए. हमें पाकिस्तान लौटना था. लेकिन, पहलगाम में आतंकी हमला हो गया. इसके बाद गाइडलाइंस जारी की गई क‍ि हमें पाकिस्तान लौटना है. मेरे बच्चे लगातार पूछ रहे हैं कि पाकिस्तान कब आओगे. जोधपुर से अटारी बॉर्डर 900 किलोमीटर दूर है. जैसे-तैसे हम वहां पहुंचे हैं. लेकिन, हमें बॉर्डर क्रास नहीं कराया गया. मैं चाहती हूं कि हमें बॉर्डर क्रास कराया जाए.

नौरीन खान ने कहा कि ब्लू पासपोर्ट होने के कारण पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. मेरी बहनों की शादी पाकिस्तान में हुई है वह भी बच्चों से मिलने पाकिस्तान जाना चाहती थी. लेकिन बाघा बॉर्डर पर तैनात सैनिकों ने उन्हें एलओसी पार करने की अनुमति नहीं दी. बॉर्डर पर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हम काफी पैसे खर्च कर वहां पहुंचे थे. हम मानसिक रूप से काफी परेशान हो गए हैं. हम चाहते हैं कि जो बच्चे उस पार अपनी मां का इंतजार कर रहे हैं उन्हें मिलवा दिया जाए.

एक पाकिस्तानी युवती ने कहा कि हमारे पास चार पासपोर्ट हैं, एक भारतीय और तीन पाकिस्तानी. मेरी मां भारतीय हैं, मेरा भाई, पिता और मैं पाकिस्तानी. लेकिन, बीएसएफ वाले कह रहे हैं कि आपकी मां आपके साथ पाकिस्तान नहीं जा सकतीं, उन्हें यहीं रहना होगा. हमारी मां हमारे साथ पाकिस्तान क्यों नहीं जा सकतीं. अगर हमारी मां पाकिस्तान नहीं जा सकतीं तो हम भी पाकिस्तान नहीं जाएंगे.

डीकेएम/

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