Mumbai , 22 अक्टूबर . हर साल दीवाली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर जिस तरह से बढ़ता है, वह अब केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हमारी सेहत पर सीधा असर डालने लगा है. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब दीवाली के बाद दिल्ली और Mumbai की हवा बेहद खराब हो गई.
राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया, जबकि Mumbai के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर पर दर्ज की गई. इस चिंताजनक स्थिति पर अब social media के जरिए कई आवाजें उठ रही हैं. इन्हीं में से एक हैं Bollywood Actor शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत कपूर की आवाज, जिन्होंने पटाखों को लेकर लोगों की सोच पर सवाल खड़े किए हैं.
मीरा राजपूत कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट की स्टोरी पर एक लंबा नोट शेयर करते हुए पटाखे चलाने की परंपरा पर नाराजगी जताई. उन्होंने लिखा, ”हम हर साल पटाखे फोड़ने को बच्चों की खुशी या पारंपरिक अनुभव के नाम पर दोहराते हैं, लेकिन ये सोच ही गलत है. अगर हम बड़े लोग पटाखे चलाने को सामान्य मानेंगे, तो हमारे बच्चे भी यही सीखेंगे और ये सिलसिला कभी नहीं रुकेगा.”
उन्होंने कहा कि सिर्फ एक बार, सिर्फ देखने के लिए, या सिर्फ इंस्टाग्राम के लिए, ये कोई भी वजह पटाखे फोड़ने को सही नहीं ठहराती.
मीरा ने खास तौर पर social media पर दिखावे के चलन पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि केवल एक सुंदर तस्वीर के लिए हाथ में फुलझड़ी लेना और उसे ‘पटाका एस्थेटिक’ कह कर दिखाना, दरअसल हवा में जहर घोलने जैसा है. यह पर्यावरण की तबाही की तरह है. ये कोई ऐसा अनुभव नहीं है, जिसे बच्चों को देना जरूरी हो. अगर हम इस व्यवहार को बार-बार दोहराते रहेंगे, तो अगली पीढ़ी भी इसे परंपरा का हिस्सा समझती रहेगी और यह कभी खत्म नहीं होगा.
मीरा ने अपने पोस्ट में उन लोगों की दोहरी सोच पर भी सवाल उठाए जो साल भर पर्यावरण की बात करते हैं, बच्चों से ‘पटाखे नहीं जलाने’ के पोस्टर बनवाते हैं, लेकिन दीवाली आते ही खुद पटाखे फोड़ने लगते हैं. उन्होंने इसे दिखावा और पाखंड बताया. उनके अनुसार यह सिर्फ social media की स्टोरी के लिए नहीं, बल्कि हमारे बच्चों की सांसों की बात है. हवा की गुणवत्ता कोई खबर नहीं, बल्कि हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, जिसे हम हर साल नजरअंदाज करते हैं.
मीरा ने आगे कहा, ”जब पढ़े-लिखे, जागरूक और संपन्न लोग भी ऐसे मामलों में समझदारी नहीं दिखाते, तो यह और भी दुखद होता है. मैं अपने बच्चों को पटाखों का तमाशा नहीं दिखाती, क्योंकि यह उनकी सेहत और सोच दोनों के लिए गलत है.”
–
पीके/एएस
You may also like

मुंबई, नोएडा, लखनऊ… 9 शहरों में बनेंगे स्टारलिंक के अर्थ स्टेशन, सैटेलाइट इंटरनेट पर आई काम की जानकारी

EMRS 2025 Recruitment: 7,267 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी, परीक्षा की तारीखें घोषित और आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ी आगे

प्रकृति की गोद में अनुपम खेर को आई बचपन की याद, सेल्फ-हीलिंग पर की बात

सोनीपत में पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या

मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने रांची के विभिन्न छठ घाटों का किया निरीक्षण




