लद्दाख, 3 अक्टूबर . लद्दाख के उपGovernor कविंदर गुप्ता ने Friday को वहां की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वहां स्थिति अब नियंत्रण में है, घबराने की कोई बात नहीं है. इसके अलावा, उन्होंने 24 तारीख को हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि इस उपद्रव की जद में आकर जिस तरह से चार बच्चों की मौत हुई, वो दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि लेह हिंसा की जांच की जा रही है. जिस तरह से इन बच्चों को मोहरा बनाया गया है, वो दुखद है. इसके अलावा, आगे से भी लद्दाख सुरक्षित रहे. इस दिशा में हम काम कर रहे हैं, क्योंकि कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि वहां पर शांति बनी रहे. मुझे लगता है कि पिछले सात दिनों से वहां पर शांति बनी हुई है. जो लोग अपने राष्ट्र का हित चाहते हैं, वो वहां पर शांति स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. ऐसे लोग हमारे साथ हैं.
उपGovernor कविंदर गुप्ता ने आश्वस्त किया कि जांच के बाद जो लोग भी इस हिंसा के पीछे लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. इसके अलावा, जो लोग निर्दोष होंगे, उन्हें छोड़ दिया जाएगा. कुल मिलाकर आज की स्थिति को देखें तो यहां पर माहौल शांतिपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी लद्दाख में जब कभी-भी किसी चीज को लेकर विवाद सामने आया, तो निश्चित तौर पर उसका समाधान संवाद के जरिए निकाला गया. हमें पूरा विश्वास है कि आगामी दिनों में इस मुद्दे का भी समाधान संवाद के जरिए ही निकाला जाएगा. हम सभी लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था में संवाद पर जोर देते हैं. इसके अलावा, मैं एक बार फिर से इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि जो कोई भी इस हिंसा के पीछे लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
इसके अलावा, सोनम वांगचुक की पत्नी ने President को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने पति की रिहाई की मांग की है. इस पर उपGovernor कविंदर गुप्ता ने कहा कि मुझे भी इस संबंध में पत्र मिला है. रासूका के तहत उन पर आरोप लगाए गए हैं, उनके सबूत होंगे. आगे जांच के बाद स्थिति साफ होगी.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हम सोनम वांगचुक की तरफ से किए गए अच्छे काम की तारीफ करते हैं. हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर हमने लेह में फैली हिंसा को लेकर सख्त रुख अख्तियार नहीं किया होता, तो आज पूरा लेह जल चुका होता.
उपGovernor ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में लेह में स्थिति जरूर ठीक होगी. लेह के लोगों को इस पर पूरा भरोसा है. इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है. लेह सीमा से सटा हुआ है. ऐसी स्थिति में हमारी यह कोशिश रहनी चाहिए कि यहां पर किसी भी प्रकार से स्थिति हिंसात्मक नहीं हो.
उन्होंने कहा कि पहले भी लद्दाख के लोग 1947, 1962 , 1965 , 1971, 1991 और गलवान झड़प के दौरान कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे. इस लेह में हमारे जिन 4 बच्चों की मौत हुई, उसकी जांच करना जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन लोगों ने हमारे बच्चों को भड़काने का काम किया. हम लद्दाख में किसी भी तरह से हिंसा को स्वीकार नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि लद्दाख में पिछले कई दिनों से हिंसा का दौर जारी है. कई लोग इस संबंध में प्रेसवार्ता करते थे. इस दौरान कई लोगों ने हिंसा को भड़काने के लिए युवाओं को गुमराह किया.
उन्होंने कहा कि मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जिन लोगों ने लद्दाख में हिंसा को भड़काने का काम किया, जिन लोगों ने वहां पर स्थिति को अराजक बनाने की कोशिश की, अब ऐसे सभी लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. देश की जनता अच्छे से इस बात को जानती है कि किन लोगों ने नेपाल के जेन-जी का हवाला देकर यहां पर स्थिति को हिंसात्मक करने का प्रयास किया. आज की तारीख में देश की जनता ने ऐसे लोगों को नकार दिया है. लद्दाख की परंपरा को खत्म नहीं होने दिया जाएगा. इस तरह की स्थिति अब कभी पैदा नहीं होने दी जाएगी.
इसके अलावा, आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने को लेकर उन्होंने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोई भी संस्था इतने लंबे समय तक जिंदा नहीं रहती है. आज संघ से प्रेरित होकर कई तरह की संस्थाएं चल रही है. लेकिन, संघ उसी तरह से चल रहा है जैसे पहले चला करता था. मैं भी अपने आपको सौभाग्यशाली समझता हूं कि मैं खुद संघ का कार्यकर्ता हूं.
वहीं, संघ को आतंकवादी संगठन कहे जाने पर उन्होंने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जो लोग संघ को दूर से देखते हैं, वो लोग ऐसी धारणा बना लेते हैं. यहां तक कि महात्मा गांधी सहित कई पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी संघ का सम्मान करते थे.
–
एसएचके/जीकेटी