चीन ने सोमवार को अमेरिका पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उसने हाल में जिनेवा में हुए व्यापार शुल्क समझौते का गंभीर रूप से उल्लंघन किया है।
चीन ने कहा कि अमेरिका ने एआई चिप निर्यात नियंत्रण दिशानिर्देशों, चीन को चिप डिजाइन सॉफ्टवेयर की बिक्री रोकने और चीनी छात्रों के लिए वीजा रद्द करने जैसे कई प्रतिबंधात्मक उपाए लागू कर समझौते का गंभीर रूप से उल्लंघन किया है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि अमेरिका ने चीन के खिलाफ कई भेदभावपूर्ण प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू किया है। इससे जिनेवा में चीन-अमेरिका आर्थिक एवं व्यापार वार्ता के दौरान बनी आम सहमति को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा।
बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आरोप का खंडन किया गया कि चीन ने ''हमारे साथ समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है।''
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधात्मक उपायों में एआई चिप निर्यात नियंत्रण पर दिशानिर्देश जारी करना, चीन को चिप डिजाइन सॉफ्टवेयर की बिक्री रोकना और चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने की घोषणा करना शामिल है।
यह महत्वपूर्ण है कि चीन ने छात्र वीजा को व्यापार और शुल्क से संबंधित मुद्दों के साथ जोड़ दिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने एकतरफा तरीके से कई बार आर्थिक और व्यापार संघर्ष को भड़काया है, जिससे द्विपक्षीय आर्थिक एवं कारोबारी संबंधों में अनिश्चितता बढ़ गई है।
इससे पहले अमेरिकी ने चीन पर आरोप लगाया था कि उसने समझौते का उल्लंघन किया है।
ट्रंप ने कहा था, ‘‘ बुरी खबर यह है कि लेकिन शायद कुछ लोगों के लिए आश्चर्य की बात नहीं है, चीन ने हमारे साथ अपने समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है..’’
रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की बड़ी कटौती कर सकता है रिजर्व बैंक : एसबीआई शोधभारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) शुक्रवार को अपनी मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में आधा प्रतिशत की भारी कटौती कर सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण चक्र को फिर से बहाल करने और अनिश्चितताओं का मुकाबला करने के लिए ऐसा किया जा सकता है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) चार जून को अगली द्विमासिक नीति पर विचार-विमर्श शुरू करेगी और छह जून (शुक्रवार) को बैठक में लिए गए निर्णय की घोषणा करेगी।
केंद्रीय बैंक ने फरवरी और अप्रैल में प्रमुख ब्याज दर (रेपो) में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे यह घटकर छह प्रतिशत पर आ गई है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी ने अपनी अप्रैल की नीति में रुख को तटस्थ से बदलकर उदार करने का भी फैसला किया था।
भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग की शोध रिपोर्ट - 'एमपीसी बैठक की प्रस्तावना - 4-6 जून, 2025' में कहा गया है, ‘‘हमें जून की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में आधा प्रतिशत कटौती की उम्मीद है, क्योंकि बड़ी दर कटौती अनिश्चितता का मुकाबला करने के काम आ सकती है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी दर कटौती ऋण चक्र को फिर से सक्रिय कर सकती है।
फरवरी और अप्रैल, 2025 में आरबीआई के आधा प्रतिशत दर कटौती के बाद कई बैंकों ने हाल ही में अपने रेपो से जुड़ी ईबीएलआर को इसी अनुपात में कम किया है।
इस समय बैंकों के लगभग 60.2 प्रतिशत ऋण बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दरों (ईबीएलआर) से जुड़े हैं और 35.9 प्रतिशत कर्ज ही कोष आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) की सीमांत लागत से जुड़े हैं।
रुपया 16 पैसे बढ़कर 85.39 प्रति डॉलर परअंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे की मजबूती के साथ 85.39 (अस्थायी) पर बंद हुआ। डॉलर के कमजोर होने तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में आगे और कटौती किये जाने की उम्मीद से रुपये में यह तेजी रही।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि, अस्थिर शेयर बाजारों, विदेशी कोषों की निकासी और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण रुपये में तेज बढ़त पर रोक लग गयी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) चार जून को अपनी अगली द्विमासिक नीति पर विचार-विमर्श शुरू करेगी और इसके नतीजों की घोषणा छह जून यानी शुक्रवार को करेगी।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.55 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.30 के उच्च स्तर तथा 85.55 के निचले स्तर के बीच रहने के बाद के अंत में 85.39 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 16 पैसे की तेजी है।
शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले सात पैसे गिरकर 85.55 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से रुपये पर दबाव बढ़ा है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 3.44 प्रतिशत बढ़कर 64.94 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारी अमेरिका के व्यक्तिगत व्यय खपत (पीसीई) मूल्य सूचकांक और व्यक्तिगत आय के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 85.30 रुपये से 86 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।’’
इस बीच, विश्व की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला, डॉलर सूचकांक 0.55 प्रतिशत घटकर 98.71 पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत करने की योजना की घोषणा के बाद व्यापार अनिश्चितता के कारण डॉलर में गिरावट आई।
इस बीच, सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मई में तीन महीने के निचले स्तर पर आ गई है।
घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 77.26 अंक घटकर 81,373.75 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 34.10 अंक गिरकर 24,716.60 अंक पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 6,449.74 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
सोना 330 रुपये बढ़कर 98,930 रुपये पर, चांदी भी 100 रुपये मजबूतवैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बाद सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 330 रुपये बढ़कर 98,930 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
इससे पहले शुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 98,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
इसके साथ ही 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 300 रुपये बढ़कर 98,400 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गई। इससे पहले के कारोबारी सत्र में यह 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
इसके अलावा चांदी की कीमत 100 रुपये बढ़कर 1,00,100 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर बंद हुई।
वैश्विक मोर्चे पर, हाजिर सोना 59.21 डॉलर प्रति औंस यानी 1.80 प्रतिशत बढ़कर 3,348.61 डॉलर प्रति औंस हो गया।
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर शुल्क को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की योजना की घोषणा के बाद बढ़ती अनिश्चितता के बीच सोने की कीमतों में तेजी आई है। यह शुल्क चार जून से प्रभावी होगी।’’
मेहता ने कहा कि भू-राजनीतिक मोर्चे पर, रूस-यूक्रेन के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और पश्चिम एशिया में संघर्ष ने भी सोने की कीमतों को बढ़ाया है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा कि निवेशक अमेरिकी के मई के आईएसएम मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स एंड इंडेक्स (पीएमआई) रिपोर्ट पर नजर रखेंगे, जिसे दिन के उत्तरार्द्ध में जारी किया जाना है।
जिंस बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, कारोबारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की टिप्पणी का भी इंतजार करेंगे।
उन्होंने कहा कि फेडरल चेयरमैन पावेल की टिप्पणी भविष्य की मौद्रिक नीति के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
निचले स्तरों से रिकवरी के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, मिडकैप और स्मॉलकैप में हुई खरीदारीभारतीय शेयर बाजार में सोमवार के कारोबारी सत्र में निचले स्तरों से बड़ी रिकवरी देखने को मिली और कारोबार के अंत में सेंसेक्स 77.26 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,373.75 और निफ्टी 34.10 अंक या 0.34 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,716.60 पर था।
दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 80,654 अंक का न्यूनतम स्तर छुआ और कारोबार के अंत तक इसमें करीब 600 अंक की रिकवरी देखने को मिली।
वहीं, निफ्टी ने सत्र में 24,526 का न्यूनतम स्तर छुआ और कारोबार के अंत में 150 से अधिक अंक की रिकवरी दिखाई।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में मजबूत खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 355.55 अंक या 0.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,775.55 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 212.25 अंक या 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,095 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, एमएंडएम, इटरनल (जोमैटो), पावर ग्रिड, एचयूएल, बजाज फिनसर्व, नेस्ले, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, एशियन पेंट्स, एलएंडटी, एक्सिस बैंक और एसबीआई टॉप गेनर्स थे। टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, इडसइंड बैंक, इन्फोसिस, कोटक महिंद्रा बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाजार लगातार कंसोलिडेशन के फेस में बना हुआ है। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने और टैरिफ वार को लेकर नई चिंताएं पैदा हो गई हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना, बेहतर जीएसटी कलेक्शन और अच्छे जीडीपी डेटा के कारण भारतीय शेयर बाजार मजबूत बने हुए हैं।
आरबीआई एमपीसी की बैठक 4-6 जून के बीच प्रस्तावित है, जिसमें रेपो रेट की कटौती पर कोई फैसला लिया जा सकता है।
नकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान में हुई थी। सुबह 9:30 पर सेंसेक्स 660 अंक या 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,790 और निफ्टी 204 अंक की गिरावट के साथ 24,546 पर था।
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