कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में हिंसा की शुरुआत के दो साल पूरे होने पर शनिवार को दावा किया कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में आज भी हिंसक घटनाएं नहीं रुकी हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजधर्म निभाने में एक बार फिर विफल रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया कि मणिपुर के लोगों के प्रति इतनी उदासीनता और तिरस्कार क्यों है तथा राजनीतिक जवाबदेही कहां है? मणिपुर में तीन मई, 2023 को हिंसा शुरू हुई थी। इस हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए।
खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मणिपुर में दो साल से हिंसा हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री के पैर वहां नहीं पड़े। हिंसा तीन मई, 2023 को शुरू हुई और अब भी जारी है। अभी दो दिन पहले ही तामेंगलांग जिले में हुई हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हो गए थे।’’
उन्होंने कहा कि 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 68,000 लोग विस्थापित हुए हैं और हजारों लोग अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, मणिपुर आपकी यात्रा, शांति और सामान्य स्थिति की वापसी का इंतजार कर रहा है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘जनवरी, 2022 में मणिपुर में आपकी आखिरी चुनावी रैली के बाद से आपने दुनिया भर में 44 विदेशी दौरे और देश भर में 250 घरेलू दौरे किए हैं, फिर भी आपने मणिपुर में एक सेकंड भी नहीं बिताया है।’’
खड़गे ने सवाल किया, ‘‘मणिपुर के लोगों के प्रति इतनी उदासीनता और तिरस्कार क्यों? राजनीतिक जवाबदेही कहां है?’’
उन्होंने कहा कि मणिपुर की जनता ने खुद राष्ट्रपति शासन की मांग की, लेकिन जब भाजपा को कांग्रेस पार्टी द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा और प्रधानमंत्री की पार्टी के विधायक नया मुख्यमंत्री तय नहीं कर सके तो 20 महीने बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने मांग मानने के लिए प्रधानमंत्री को मजबूर होना पड़ा।
खड़गे ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘डबल इंजन सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के अपने संवैधानिक कर्तव्य में विफल क्यों रही? आपने पहले मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?’’
उन्होंने दावा किया कि केंद्र और राज्य का प्रशासन अब भी मणिपुर में विफल है तथा हिंसा की घटनाएं नहीं रुक रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आपने अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए जल्दबाजी में आधी रात को दो बजे राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रस्ताव संसद में पारित करा दिया, जैसे कि किसी का आपके ‘‘पापों’’ पर ध्यान नहीं जाएगा।’’
खड़गे ने दावा किया कि मणिपुर की अर्थव्यवस्था को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है, इसके बावजूद राज्य के लिए अनुदान की मांग में कई सामाजिक व्यय में कटौती की गई।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘गृह मंत्री द्वारा घोषित शांति समिति का क्या हुआ? आप दिल्ली में भी सभी समुदाय के प्रभावित लोगों से क्यों नहीं मिले? आपने राज्य के लिए विशेष पैकेज की घोषणा क्यों नहीं की?’’
खड़गे ने कहा, ‘‘मोदी जी, आप राजधर्म निभाने में एक बार फिर विफल रहे।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज से ठीक दो साल पहले मणिपुर में हिंसा की शुरुआत हुई थी। फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने भाजपा और उसके सहयोगियों को निर्णायक जनादेश दिया था, जिसके बाद यह आपदा उस पर हावी हो गई।’’
उन्होंने दावा किया कि तीन मई, 2023 को जो शुरू हुआ, वह राज्य में तथाकथित ‘डबल इंजन’ सरकार का पटरी से उतरना था।
खड़गे ने कहा कि इसके तीन महीने बाद उच्चतम न्यायालय को यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ा कि राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
जयराम रमेश ने कहा कि राज्य विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए मोदी सरकार ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और अंततः 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लगा दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर आज भी पीड़ा से गुजर रहा है। राजनीतिक खेल खेले जा रहे हैं। कोई सार्थक समाधान प्रक्रिया नहीं चल रही है। 60,000 से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्ति भारी तनाव की स्थिति में राहत शिविरों में रह रहे हैं।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रधानमंत्री मणिपुर से लगातार बचते रहे हैं। उन्होंने राज्य के किसी भी व्यक्ति से मुलाकात नहीं की है। वह पूरी दुनिया में घूम चुके हैं लेकिन उन्हें संकटग्रस्त राज्य का दौरा करने और वहां के लोगों तक पहुंचने के लिए न तो समय मिला, न ही कोई संवेदनशीलता।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मणिपुर का प्रबंधन ‘‘आउटसोर्स’’ किया है लेकिन वह बड़े असफल साबित हुए हैं।
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘मणिपुर बेहतर का हकदार है। मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री के इंफाल पहुंचने और खूबसूरत राज्य का दौरा करने तथा जख्मों पर मरहम लगाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।’’
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