Hyundai NEXO Hydrogen FCEV Trials: भारत में पेट्रोल-डीजल के अल्टरनेटिव फ्यूल्स का रास्ता खोजने की तमाम कोशिशें हो रही हैं और इस प्रयास में कुछ समय पहले हाइड्रोजन पावर्ड टाटा ट्रकों का ट्रायल शुरू किया गया था और अब हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरशन के साथ मिलकर अपनी नेक्सो हाइड्रोजन फ्यूल सेल ईवी का परीक्षण शुरू किया है।हुंडई मोटर इंडिया और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के इस समझौते का मकसद है भारत में हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों को चलाना। वे यह देखना चाहते हैं कि क्या ये गाड़ियां आम लोगों के लिए सही हैं या नहीं। हुंडई अपनी NEXO हाइड्रोजन FCEV गाड़ी को भारत में टेस्ट करेगी। इंडियन ऑयल इस गाड़ी पर स्टडी करेगा। इससे पता चलेगा कि यह गाड़ी भारत में चलाने के लिए कितनी सही है। इससे गाड़ी की परफॉर्मेंस और टिकाऊपन का पता चलेगा। ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर को बढ़ाना देने की पहलअगले दो साल तक दोनों कंपनियां मिलकर हाइड्रोजन पावर्ड नेक्सो फ्यूल सेल ईवी की जांच करेंगी और 40,000 किलोमीटर तक चलाएंगी। वे यह भी पता लगाएंगे कि इस गाड़ी को चलाने में कितना खर्च आएगा। इस समझौते से भारत में ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। यह समझौता HMIL की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत में ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर को बढ़ाना चाहती है। ग्रीन हाइड्रोजन का मतलब है ऐसे हाइड्रोजन का उत्पादन करना, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।
दो साल में 40 हजार किलोमीटर चलेगी हुंडई नेक्सोआपको बता दें कि 2 साल के ट्रायल पीरियड में हुंडई मोटर इंडिया और इंडियन ऑयल गाड़ी की जांच करेंगे। वे देखेंगे कि गाड़ी कितने समय तक चलती है और क्या यह ठीक से काम करती है। वे गाड़ी को 40,000 किलोमीटर तक चलाएंगे। इससे गाड़ी की क्षमता और कमियों का पता चलेगा। एक टोटल कॉस्ट ऑफ ऑनरशिप (TCO) असेसमेंट भी किया जाएगा। इसमें गाड़ी की मरम्मत और रखरखाव का खर्च शामिल होगा। हुंडई मोटर के पास इंटरनल कम्बशन इंजन (ICE), कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG), फ्लेक्स-फ्यूल, हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन सहित कई तरह की गाड़ियां बनाने की क्षमता है। दोनों कंपनी के अधिकारियों ने कहीं खास बातेंसमझौते पर हस्ताक्षर करते हुए हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर उनसू किम ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी स्मार्ट मोबिलिटी कंपनी होने के नाते हम भविष्य की तकनीक के साथ कुछ नया करना चाहते हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ समझौता करके हम ग्रीन हाइड्रोजन को एक अच्छा एनर्जी सोर्स बनाना चाहते हैं, ताकि यह सस्ता और टिकाऊ हो। वहीं, इंडियन ऑयल में रिसर्च एंड डेवलपमेंट डायरेक्टर और बोर्ड मेंबर डॉ. आलोक शर्मा ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी सरकारी एनर्जी कंपनी होने के नाते इंडियन ऑयल को भारत सरकार के एनर्जी सुरक्षा के सपने को पूरा करने में गर्व है। हुंडई मोटर इंडिया के साथ यह समझौता हमें फ्यूल सेल तकनीक का अध्ययन करने और एक बेहतर वातावरण बनाने में मदद करेगा।
You may also like
पहलगाम हमले पर बोले मोदी - 'आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सज़ा मिलेगी'
केंद्र ने भूमिगत कोयला खनन में तेजी लाने के लिए अग्रिम भुगतान से छूट दी
छत्तीसगढ़ में निवेश के असीम अवसर, वाणिज्य मंत्री ने मुंबई में उद्योगपतियों से किया संवाद
मां ने बच्ची के साथ ट्रेन से कटकर दी जान
आरटीआई के तहत सूचना देने से इनकार नहीं कर सकते निजी अस्पताल