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दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को 1 जुलाई से ईंधन नहीं, ACQM ने जारी की गाइडलाइंस

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Delhi Old Vehicle Ban CAQM Guidelines: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब 1 जुलाई से दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा। इसके लिए दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर 30 जून तक ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे, जो कि पुरानी गाड़ियों की पहचान करेंगे। साथ ही सीएक्यूएम ने दिल्ली से सटे कुछ और जिलों में भी इसे लागू करने की योजना बनाई है।
दिल्ली सरकार को आदेश image

कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) चाहता है कि दिल्ली की हवा साफ हो, इसलिए उसने दिल्ली सरकार को यह आदेश दिया है। आदेश के अनुसार, दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों को 30 जून तक एएनपीआर कैमरे लगाने होंगे। ये कैमरे 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की पहचान करेंगे। एक जुलाई से ऐसे वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा।


दिल्ली से सटे इन इलाकों में भी सख्ती होगी image

दिल्ली के आसपास के 5 जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत में भी यह नियम लागू होगा। इन जिलों में 1 नवंबर से यह नियम लागू होगा। इसके लिए 31 अक्टूबर तक एएनपीआर कैमरे लगाने का काम पूरा करना होगा। एनसीआर के बाकी जिलों को कैमरे लगाने के लिए 31 मार्च 2026 तक का समय दिया गया है। वहां एक अप्रैल 2026 से पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा।


वाहन स्क्रैपिंग नियमों के तहत कार्रवाई होगी image

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश में कहा गया है कि ये कैमरे वाहनों के डेटाबेस से जुड़े होंगे। इससे पुराने वाहनों और बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट वाले वाहनों की पहचान हो सकेगी। आयोग ने कहा कि पेट्रोल पंपों को तय तारीखों से ऐसे वाहनों में ईंधन भरने से मना कर देना चाहिए। साथ ही अधिकारियों को वाहन स्क्रैपिंग नियमों के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।


एंड-ऑफ-लाइफ वाहन image

आयोग ने यह भी कहा कि सड़कों पर इन वाहनों का पता लगाने के लिए ट्रैफिक निगरानी सिस्टम और कंट्रोल रूम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि जिन डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को 10 साल और पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को 15 साल हो चुके हैं, उन्हें एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) वाहन कहा जाता है। ईओएल गाड़ियों पर सख्ती का यह फैसला दिल्ली में प्रदूषण को कम करने की एक कोशिश है। उम्मीद है कि इससे दिल्ली की हवा में सुधार होगा। हालांकि, अब देखना यह है कि यह योजना कितनी सफल होती है।

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