हम सब जानते हैं कि हेल्दी खानपान हमारी सेहत के लिए कितना ज़रूरी है। खासतौर पर दिन की शुरुआत अगर पौष्टिक चीज़ों से हो तो शरीर के साथ-साथ दिमाग भी बेहतर तरीके से काम करता है। ऐसे में ड्राईफ्रूट्स का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जब बात आती है ‘भीगे’ ड्राईफ्रूट्स की, तो लोगों के मन में सवाल उठता है—कौन सा ज़्यादा फायदेमंद है?
डॉ गीता, एक अनुभवी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट, ने इस पर रोशनी डालते हुए बताया कि भीगी मूंगफली और भीगे बादाम दोनों के अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन एक का असर दिमागी क्षमता पर ज़्यादा तेज़ होता है। आजकल की दौड़ती-भागती ज़िंदगी में जहां स्ट्रेस, ओवरथिंकिंग और थकावट आम हो गई है, वहां ब्रेन पावर बढ़ाने वाली चीज़ों का सेवन ज़रूरी हो जाता है।
तो अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी याददाश्त कंप्यूटर जैसी तेज़ हो जाए, फोकस बढ़े और काम की परफॉर्मेंस में सुधार आए, तो जानिए डॉ गीता की रिसर्च के मुताबिक कौन सा ड्राईफ्रूट है असली सुपरस्टार। साथ ही, यह भी जानें कि इसे सही तरीके से कब और कैसे लेना चाहिए ताकि आपको पूरा फायदा मिल सके।(Photo Credit):iStock
भीगे बादाम: ब्रेन के लिए नेचुरल बूस्टर
भीगे बादाम को 'ब्रेन फूड' कहा जाता है। इसमें विटामिन E, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो न्यूरॉन्स को मजबूत बनाते हैं और मेमोरी पावर को बढ़ाते हैं। सुबह खाली पेट 5-7 भीगे बादाम खाने से दिमाग तेज़ होता है, मूड बेहतर रहता है और तनाव भी कम होता है। डॉ गीता के अनुसार, लगातार सेवन से बच्चों की एकाग्रता और वयस्कों की वर्क परफॉर्मेंस में सुधार देखा गया है।
क्यों ज़रूरी है ड्राईफ्रूट्स को भिगोना
ड्राईफ्रूट्स को भिगोने से उनके पोषक तत्व एक्टिव हो जाते हैं। जब बादाम या मूंगफली को पानी में रातभर भिगोकर सुबह खाया जाता है, तो उसका पाचन आसान हो जाता है और शरीर उन्हें बेहतर तरीके से अवशोषित करता है। भीगने के बाद इनका एंटीऑक्सीडेंट स्तर भी बढ़ता है, जिससे कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं और दिमाग को ऊर्जा मिलती है। डॉ गीता बताती हैं कि भीगने से बादाम में मौजूद एंजाइम इनहिबिटर हट जाता है, जिससे यह और ज्यादा लाभकारी हो जाता है।
भीगी मूंगफली: सस्ता और ताकतवर विकल्प

मूंगफली को 'गरीबों का काजू' कहा जाता है, लेकिन इसका पोषण किसी से कम नहीं। जब इसे भिगोकर खाया जाता है, तो इसमें मौजूद प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन्स बेहतर तरीके से शरीर में काम करते हैं। यह न सिर्फ मसल्स बनाने में मदद करता है बल्कि दिमाग को भी तेज़ बनाता है। खास बात यह है कि भीगी मूंगफली आसानी से पचती है और लंबे समय तक एनर्जी देती है।
कौन है ज़्यादा फायदेमंद: बादाम या मूंगफली?
डॉ गीता के मुताबिक, दोनों ही फायदेमंद हैं, लेकिन अगर आपका फोकस खासतौर पर ब्रेन हेल्थ पर है, तो बादाम थोड़ा ऊपर आता है। वहीं, अगर बजट की बात करें या मसल्स व एनर्जी बढ़ाने की बात हो, तो मूंगफली बेहतरीन है। आप अपनी उम्र, स्वास्थ्य ज़रूरतों और लाइफस्टाइल के हिसाब से इनमें से किसी एक का या दोनों का सेवन कर सकते हैं।
सही समय, सही मात्रा: कब और कितना खाएं
भीगे ड्राईफ्रूट्स का असर तभी दिखता है जब इन्हें सही मात्रा में और सही समय पर खाया जाए। सुबह खाली पेट 5-7 भीगे बादाम या 7-10 भीगी मूंगफली लेना पर्याप्त होता है। इन्हें चबाकर धीरे-धीरे खाना चाहिए ताकि पाचन में मदद मिले। बच्चों, बुजुर्गों और वयस्कों के लिए यह एक आदर्श नाश्ता माना जाता है। साथ ही, पानी से धोकर खाना न भूलें क्योंकि भिगोने के बाद छिलके में कुछ एंजाइम इनहिबिटर एक्टिव हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर:यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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