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कलेक्टर-एसपी की नींद उड़ाने वाले बंदर-बंदरिया पकड़े गए, इंदौर से आई स्पेशल टीम ने ऐसे पूरा किया 'मिशन इम्पॉसिबल'

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खरगोन: एक बंदरिया और उसके पुत्र ने अफसरों को इतना परेशान किया कि उन्हें पकड़ने के लिए इंदौर से टीम बुलाना पड़ी। मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय स्थित आला अफसरों के बंगलों में लंबे समय से ये बंदरिया और उसके बेटे आतंक मचा रहे थे। ये अफसरों के बंगले में नुकसान करते थे, जिससे सभी लोग बेहद परेशान थे। अब इन्हें पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया गया है। इलाके को ही बना लिया था ठिकानाखरगोन के डीएफओ रमेश राठौड़ ने बताया कि लंबे समय से एक बंदरिया और उसका पुत्र सिविल लाइन स्थित करीब 15 अफसरों के रेजिडेंस में उपद्रव कर रहे थे। वह कभी सामान उठा कर ले जाते तो कभी पेड़ पौधों फूल आदि को तोड़ कर गमले पटक देते थे। दोनों बन्दर सुबह से कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ तथा एक दो अन्य अफसर के बंगलों के आसपास घूमते और उसके बाद वह पुराने कलेक्ट्रेट होते हुए कोर्ट परिसर में चले जाते। इसके बाद नगर पालिका के सामने सब्जी मार्केट में लोग इन्हें फल और सब्जी दे देते थे और आखिर में कैंपस में आराम करते थे। अनुकूल सुविधाओं के चलते उन्होंने इस क्षेत्र को अपना घर बना लिया था। एसपी के परिजनों पर किया था हमला उन्होंने पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना के परिवार के बुजुर्ग सदस्यों पर भी हमला किया। इसके अलावा कलेक्टर भव्या मित्तल के गार्ड पर भी हमला कर उसके कपड़े फाड़ दिए और चोटिल कर दिया। यहां तक कि वह जिला कोर्ट में भी उधम मचाते थे। हाल ही में वह एसडीम कार्यालय में प्रवेश कर काफी देर तक उथल-पुथल करते रहे। उन्होंने बताया कि न्यायाधीश और वकील एसोसिएशन की तरफ से लिखित में उन्हें बंदरों के प्रकोप की सूचना मिली थी। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक ने भी दो बार बंदरों के क्रियाकलाप के बारे में बताया था। पहले दो बार हो चुकी पकड़ने की कोशिशउन्होंने बताया कि आमतौर पर नगर पालिका क्षेत्र में प्राणियों को पकड़ने का काम नगर पालिका का ही होता है। लेकिन सीएमओ ने उन्हें पकड़ने में असमर्थता जाहिर की। डीएफओ ने बताया कि परिसर में दो बार लंबे समय तक पिंजरे लगाए गए लेकिन चालाक बंदर और बंदरिया नहीं पकड़ पाये। इंदौर से बुलाए मंकी कैचर इसके बाद इंदौर स्थित रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई। उन्होंने डीएफओ बंगले के परिसर में पिंजरा लगाकर बंदरिया को पकड़ लिया। मां के पकड़े जाने से परेशान होकर बंदर आक्रामक हो गया। इस पर उसे ट्रेंकुलाइज किया गया और पकड़ लिया गया। उन्होंने बताया कि दोनों को खरगोन जिले के मंडलेश्वर क्षेत्र के जाम गेट के जंगलों में रिलीज कर दिया गया।
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