पटना: बिहार में चुनावी महासंग्राम अपने पहला चरण आ गया। राज्य विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के लिए प्रचार का धुआंधार दौर मंगलवार की शाम को समाप्त हो गया। फर्स्ट फेज में कुल 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। पिछले कुछ हफ्तों से राजनेताओं ने रैलियों, रोड शो और जनसंपर्क के माध्यम से मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब, उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद होने के लिए तैयार है। ये चरण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
121 सीटों पर थमा चुनाव प्रचारपहले चरण के मतदान वाली 121 सीटों पर अब उम्मीदवार केवल घर-घर जाकर संपर्क कर सकते हैं, सामूहिक प्रचार पर रोक लगा दी गई है। ये चरण राज्य के कई महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षेत्रों को कवर करता है, जिसमें कई हाई-प्रोफाइल सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर कई वर्तमान और पूर्व मंत्रियों, साथ ही बाहुबली नेताओं की किस्मत दांव पर है। इस चरण का मतदान प्रतिशत ये तय करने में महत्वपूर्ण होगा कि आगे के चरणों में हवा किस तरफ बहेगी।
6 नवंबर को यहां डाले जाएंगे वोटपटना- (14 सीटें) मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना सिटी, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारी शरीफ (SC), मसौढ़ी (SC), पालीगंज, बिक्रम भोजपुर- (7 सीटें) आरा, अगिआंव, शाहपुर, बड़हरा, जगदीशपुर, तरारी, संदेश बक्सर- (4 सीटें) बक्सर, डुमरांव, राजपुर, ब्रह्मपुर गोपालगंज- (6 सीटें) बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे (SC), हथुआ सिवान- (8 सीटें) सिवान, जिरादेई, दरौली (SC), रघुनाथपुर, दरौंधा, बड़हरिया, गोरेयाकोठी, महारागंज सारण- (10 सीटें) एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैंया, मढौरा, छपरा, गड़खा (SC), अमनौर, परसा, सोनपुर मुजफ्फरपुर- (11 सीटें) गायघाट, औराई, मीनापुर, बोचहां (SC), सकरा (SC), कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, कांटी, बरूराज, पारू, साहेबगंज वैशाली- (8 सीटें) राजापाकर, महुआ, महनार, राघोपुर, वैशाली, लालगंज, हाजीपुर, पातेपुर (SC) दरभंगा- (10 सीटें) कुशेश्वर स्थान (SC), गौरा बौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर, केवटी, जाले समस्तीपुर- (10 सीटें) कल्याणपुर(SC), वारिसनगर, समस्तीपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीननगर, विभूतिपुर, रोसड़ा (SC), हसनपुर मधेपुरा- (4 सीटें) आलमनगर (SC), बिहारीगंज, मधेपुरा, सिंहेश्वर (SC) सहरसा- (4 सीटें) सिमरी बख्तियारपुर, सोनबरसा (SC), महिषी, सहरसा खगड़िया- (4 सीटें) परबत्ता, बेलदौर, अलौली (SC), खगड़िया बेगूसराय- (7 सीटें) चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहबपुर कमाल, बेगूसराय, बखरी (SC) मुंगेर- (3 सीटें) जमालपुर, मुंगेर, तारापुर लखीसराय- (2 सीटें) लखीसराय, सूर्यगढ़ा शेखपुरा- (2 सीटें) बरबीघा, शेखपुरा नालंदा- (7 सीटें) हरनौत, अस्थावां, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, राजगीर, बिहारशरीफ
वोटिंग को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाममतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो, इसके लिए चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े और 'अभेद्य' इंतजाम किए हैं। 18 जिलों के सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। खासकर नक्सल प्रभावित और संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त निगरानी रखी जा रही है। किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लगातार गश्त कर रहे हैं।
अब आखिरी में अपील का वक्तप्रचार थमने के बाद सभी पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए ये समय सीधे मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क साधने का है। अब नेता बड़ी रैलियों के बजाय छोटे समूहों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि अंतिम क्षणों में मतदाताओं को अपने पक्ष में मोड़ा जा सके। 6 नवंबर को मतदान के साथ ही इन 121 सीटों के उम्मीदवारों की मेहनत और किस्मत ईवीएम में लॉक हो जाएगी।
121 सीटों पर थमा चुनाव प्रचारपहले चरण के मतदान वाली 121 सीटों पर अब उम्मीदवार केवल घर-घर जाकर संपर्क कर सकते हैं, सामूहिक प्रचार पर रोक लगा दी गई है। ये चरण राज्य के कई महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षेत्रों को कवर करता है, जिसमें कई हाई-प्रोफाइल सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर कई वर्तमान और पूर्व मंत्रियों, साथ ही बाहुबली नेताओं की किस्मत दांव पर है। इस चरण का मतदान प्रतिशत ये तय करने में महत्वपूर्ण होगा कि आगे के चरणों में हवा किस तरफ बहेगी।
6 नवंबर को यहां डाले जाएंगे वोट
वोटिंग को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाममतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो, इसके लिए चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े और 'अभेद्य' इंतजाम किए हैं। 18 जिलों के सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। खासकर नक्सल प्रभावित और संवेदनशील बूथों पर अतिरिक्त निगरानी रखी जा रही है। किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लगातार गश्त कर रहे हैं।
अब आखिरी में अपील का वक्तप्रचार थमने के बाद सभी पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए ये समय सीधे मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क साधने का है। अब नेता बड़ी रैलियों के बजाय छोटे समूहों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि अंतिम क्षणों में मतदाताओं को अपने पक्ष में मोड़ा जा सके। 6 नवंबर को मतदान के साथ ही इन 121 सीटों के उम्मीदवारों की मेहनत और किस्मत ईवीएम में लॉक हो जाएगी।
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