सतारा: महाराष्ट्र के सतारा में महिला डॉक्टर सुसाइड केस में नया ट्विस्ट आ गया है। आत्महत्या करने वाली डॉक्टर पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। भाग्यश्री मरुति पचांगे नाम की महिला ने दावा किया है कि जिस डॉक्टर ने आत्महत्या की, उसने उनकी बेटी दीपाली मरुति की फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए थे। महिला का आरोप है कि उसकी बेटी की मौत स्वाभाविक नहीं थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया। भाग्यश्री पचांगे ने कहा कि डॉक्टर पर रिपोर्ट में बदलाव करने का दबाव बनाया गया था। उन्होंने अपनी बेटी की संदिग्ध मौत की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की है।
हथेली पर लिखा था सुसाइड नोट
जानकारी के अनुसार, आत्महत्या करने वाली डॉक्टर पर झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने का दबाव था। आत्महत्या से पहले उन्होंने अपने हाथ की हथेली पर एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने पुलिस उप-निरीक्षक गोपाल बडाने पर यौन उत्पीड़न और एक इंजीनियर प्रशांत बांगर पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसके अलावा, डॉक्टर ने चार पन्नों का एक और सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमे उसने एक पूर्व सांसद का नाम भी लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर ने अपने सुसाइड में यह भी लिखा है कि पूर्व सांसद के दो निजी सहायकों ने उन पर आरोपी मल्हारी चन्ने को चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित करने का दबाव बनाया था।
मामले ने लिए राजनीतिक रंग
इस मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है, क्योंकि इसमें एक पूर्व सांसद और पुलिस अधिकारी के नाम आने से प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, महिला डॉक्टर ने आत्महत्या से पहले अपने कुछ सहयोगियों को फोन कर कहा था कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव और दबाव में हैं। फिलहाल, पुलिस ने डॉक्टर की आत्महत्या और दीपाली मरुति की संदिग्ध मौत दोनों मामलों को जोड़कर जांच शुरू कर दी है। महाराष्ट्र पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने डॉक्टर के घर और अस्पताल से कुछ दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। राज्य महिला आयोग और मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है।
हथेली पर लिखा था सुसाइड नोट
जानकारी के अनुसार, आत्महत्या करने वाली डॉक्टर पर झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने का दबाव था। आत्महत्या से पहले उन्होंने अपने हाथ की हथेली पर एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने पुलिस उप-निरीक्षक गोपाल बडाने पर यौन उत्पीड़न और एक इंजीनियर प्रशांत बांगर पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसके अलावा, डॉक्टर ने चार पन्नों का एक और सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमे उसने एक पूर्व सांसद का नाम भी लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर ने अपने सुसाइड में यह भी लिखा है कि पूर्व सांसद के दो निजी सहायकों ने उन पर आरोपी मल्हारी चन्ने को चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित करने का दबाव बनाया था।
मामले ने लिए राजनीतिक रंग
इस मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है, क्योंकि इसमें एक पूर्व सांसद और पुलिस अधिकारी के नाम आने से प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, महिला डॉक्टर ने आत्महत्या से पहले अपने कुछ सहयोगियों को फोन कर कहा था कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव और दबाव में हैं। फिलहाल, पुलिस ने डॉक्टर की आत्महत्या और दीपाली मरुति की संदिग्ध मौत दोनों मामलों को जोड़कर जांच शुरू कर दी है। महाराष्ट्र पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने डॉक्टर के घर और अस्पताल से कुछ दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। राज्य महिला आयोग और मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है।
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