त्यौहारों के मौसम में गाजियाबाद के बड़े बाज़ार और रिहायशी इलाके पार्किंग की कमी और अवैध कब्ज़ों के कारण जाम से जूझ रहे हैं। शास्त्रीनगर, कविनगर, संजयनगर, गोविंदपुरम, विजयनगर, नंदग्राम और लोहियानगर जैसे मुख्य इलाकों में पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने से लोग सड़कों पर ही गाड़ियाँ खड़ी करके खरीदारी कर रहे हैं। इससे सड़कें जाम का अड्डा बन गई हैं और लोगों का कीमती समय बर्बाद हो रहा है। प्रशासन ने पार्किंग और जाम से राहत देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
त्यौहारों का समय चल रहा है और बाज़ारों में खूब रौनक है। लोग खरीदारी के लिए निकल रहे हैं। लेकिन गाजियाबाद के बड़े बाज़ार और घनी आबादी वाले इलाके पार्किंग की भारी समस्या से परेशान हैं। शास्त्रीनगर, कविनगर, संजयनगर, गोविंदपुरम, विजयनगर, नंदग्राम और लोहियानगर जैसे कई प्रमुख इलाकों में पार्किंग की कोई जगह नहीं है।
इसकी वजह से लोग अपनी गाड़ियाँ सीधे सड़कों पर ही खड़ी कर देते हैं। इससे सड़कें तंग हो गई हैं और हर तरफ जाम लगा रहता है। आम जनता को रोज़ इस जाम से जूझना पड़ता है। लोगों का कहना है कि पार्किंग न होने और प्रशासन की ढिलाई के कारण सड़कें छोटी हो गई हैं। उनका कीमती समय रोज़ाना जाम में बर्बाद हो रहा है।
प्रशासन ने पहले यह वादा किया था कि पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इससे लोगों को जाम से राहत मिलेगी। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देगा और जल्द ही कोई समाधान निकालेगा।
त्यौहारों का समय चल रहा है और बाज़ारों में खूब रौनक है। लोग खरीदारी के लिए निकल रहे हैं। लेकिन गाजियाबाद के बड़े बाज़ार और घनी आबादी वाले इलाके पार्किंग की भारी समस्या से परेशान हैं। शास्त्रीनगर, कविनगर, संजयनगर, गोविंदपुरम, विजयनगर, नंदग्राम और लोहियानगर जैसे कई प्रमुख इलाकों में पार्किंग की कोई जगह नहीं है।
इसकी वजह से लोग अपनी गाड़ियाँ सीधे सड़कों पर ही खड़ी कर देते हैं। इससे सड़कें तंग हो गई हैं और हर तरफ जाम लगा रहता है। आम जनता को रोज़ इस जाम से जूझना पड़ता है। लोगों का कहना है कि पार्किंग न होने और प्रशासन की ढिलाई के कारण सड़कें छोटी हो गई हैं। उनका कीमती समय रोज़ाना जाम में बर्बाद हो रहा है।
प्रशासन ने पहले यह वादा किया था कि पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इससे लोगों को जाम से राहत मिलेगी। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन इस समस्या पर ध्यान देगा और जल्द ही कोई समाधान निकालेगा।
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