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2025 में 1917 की बात... बिहार में 108 साल पहले अप्रैल-मई में क्या हुआ था? जानें वो किस्सा

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पश्चिम चंपारण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 121वें एपिसोड में एक पुरानी कहानी सुनाई। यह कहानी 108 साल पहले की है। उन्होंने बताया कि कैसे सेनानियों की प्रेरणा से देश को आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है। पीएम मोदी ने 1917 के चंपारण सत्याग्रह, दांडी यात्रा और जलियांवाला बाग नरसंहार जैसी घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बाबू वीर कुंवर सिंह को भी याद किया। 108 साल पहले की कहानीपीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में देशवासियों से बात की। उन्होंने कहा कि आज अप्रैल का आखिरी रविवार है और जल्द ही मई का महीना शुरू होने वाला है। उन्होंने देश को 108 साल पहले 1917 के अप्रैल और मई के महीनों में लेकर गए। उस समय देश में आजादी के लिए एक अनोखी लड़ाई चल रही थी। अंग्रेजों का अत्याचार बहुत बढ़ गया था। गरीब, वंचित और किसानों का शोषण बहुत ज्यादा हो रहा था। 'मन की बात' में चंपारण की कहानीपीएम मोदी ने बताया कि बिहार में अंग्रेज किसानों को नील की खेती करने के लिए मजबूर कर रहे थे। इस खेती से किसानों की जमीन बंजर हो रही थी। लेकिन अंग्रेजी सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। 1917 में जब गांधी जी बिहार के चंपारण पहुंचे, तो किसानों ने उन्हें अपनी परेशानी बताई। उन्होंने कहा कि उनकी जमीन मर रही है और उनके पास खाने के लिए अनाज नहीं है। लाखों किसानों की पीड़ा सुनकर गांधी जी ने एक प्रण लिया। उन्होंने वहीं से चंपारण सत्याग्रह शुरू किया। डॉ राजेन्द्र प्रसाद का भी जिक्रपीएम मोदी ने देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि 'चंपारण सत्याग्रह' गांधी जी का भारत में पहला बड़ा आंदोलन था। उनके सत्याग्रह से पूरी अंग्रेजी सरकार हिल गई थी। अंग्रेजों को नील की खेती के लिए किसानों को मजबूर करने वाले कानून को रोकना पड़ा। यह एक बड़ी जीत थी, जिसने आजादी की लड़ाई में नया जोश भर दिया। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि इस सत्याग्रह में बिहार के एक और महान व्यक्ति, डॉ राजेन्द्र प्रसाद का भी बड़ा योगदान था। उन्होंने 'चंपारण सत्याग्रह' पर एक किताब भी लिखी थी, जिसका नाम 'सत्याग्रह इन चंपारण' है। पीएम मोदी ने कहा कि यह किताब हर युवा को पढ़नी चाहिए। अप्रैल में कई महत्वपूर्ण घटनाएंपीएम मोदी ने आगे कहा कि अप्रैल के महीने में स्वतंत्रता संग्राम की कई और महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं। 6 अप्रैल को गांधी जी की 'दांडी यात्रा' पूरी हुई थी। यह यात्रा 12 मार्च से शुरू होकर 24 दिनों तक चली थी। इस यात्रा ने अंग्रेजों को हिलाकर रख दिया था। अप्रैल में ही जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ था। पंजाब की धरती पर इस दर्दनाक घटना के निशान आज भी मौजूद हैं। बाबू वीर कुंवर सिंह की बातपीएम मोदी ने बाबू वीर कुंवर सिंह को याद करते हुए कहा कि कुछ ही दिनों में 10 मई को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वर्षगांठ भी आने वाली है। आजादी की उस पहली लड़ाई में जो चिंगारी उठी थी, वह आगे चलकर लाखों सेनानियों के लिए मशाल बन गई। उन्होंने यह भी बताया कि 26 अप्रैल को 1857 की क्रांति के महान नायक बाबू वीर कुंवर सिंह जी की पुण्यतिथि मनाई गई। बिहार के इस महान सेनानी से पूरे देश को प्रेरणा मिलती है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें ऐसे ही लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा को जीवित रखना है। उनसे मिलने वाली ऊर्जा से 'अमृतकाल' के हमारे संकल्पों को नई ताकत मिलती है।
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