Heating Rod vs Geyser : सर्दियों में गर्म पानी के लिए कई लोग गीजर का इस्तेमाल करते हैं, तो वहीं कई लोग इस काम के लिए हीटिंग रॉड का भी इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि हीटिंग रॉड या गीजर में से कौन सस्ते में पानी गर्म करके देता है? चलिए फिर आज इस सवाल का जवाब पता करते हैं कि अगर सस्ते में पानी गर्म करना हो, तो हीटिंग रॉड और गीजर में से कौन एक बेहतर ऑप्शन है?
हीटिंग रॉडहीटिंग रॉड का इस्तेमाल भारत में कई घरों में होता है। इसे इमर्शन रॉड भी कहा जाता है। गीजर और रॉड की कीमत के लिहाज से देखा जाए, तो साफ तौर पर एक इमर्शन रॉड काफी सस्ती आती है। यह उन लोगों के लिए ठीक है, जो गीजर पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं कर सकते हैं। बाजार में आम तौर पर एक इमर्शन रॉड 200 से 600 रुपये में खरीदी जा सकती है। इसे पानी की बाल्टी में डुबाकर इस्तेमाल किया जाता है। अब बात करें इसे इस्तेमाल करने के दौरान होने वाले बिजली खर्च की, तो एक एक 1.5 kW की इमर्शन रॉड अगर आधे घंटे चले तो लगभग 0.75 यूनिट बिजली खर्च करती है। ऐसे में अगर बिजली की प्रति यूनिट दर 10 रुपये मान ली जाए, तो यह दिन का 7 से 8 रुपये का खर्च दे सकती है। ऐसे में महीने भर इमर्शन रॉड को इस्तेमाल करने का खर्च लगभग 225 से 230 रुपये तक रह सकता है।
गीजरअब बात करें गीजर की तो यह इमर्शन रॉड से काफी महंगा आता है। एक अच्छा 3 लीटर का इंस्टेंट गीजर आपको बाजार में 2000 से 4000 रुपये तक का मिल सकता है। इसकी पावर रेटिंग करीब 3kW तक होती है। इसे 10 मिनट इस्तेमाल करने पर यह 0.5 यूनिट बिजली खर्च करता है। अगर रोज इसे दिन में एक बार इतनी देर के लिए इस्तेमाल किया जाए, तो महीने भर में इसका बिल 150 रुपये तक आता है।
कौन पड़ेगा सस्ताइस बात में दो राय नहीं कि खरीदते समय इमर्शन रॉड गीजर के मुकाबले काफी सस्ती पड़ती है लेकिन नॉर्मल इस्तेमाल के दौरान गीजर, इमर्शन रॉड के मुकाबले सस्ता पड़ता है। ऐसा इस वजह से भी होता है कि गीजर में ऑटो कट का फीचर देखने को मिलता है, जो कि नॉर्मली इमर्शन रॉड में नहीं होता। इससे अगर गीजर को ज्यादा देर के लिए चलता छोड़ भी दिया जाए, तो ऑटो कट होने के बाद उस दर पर बिजली खाना बंद कर देता है, जितनी वह पानी को गर्म करते हुए खा रहा होता है। इमर्शन रॉड के साथ ऐसा नहीं होता और उसे जितनें भी समय पानी में लगा छोड़ा जाए वह लगातार बिजली खाता रहेगा।
सुरक्षा के लिहाज से कौन बेहतरअब खर्चे की बात एक बार हो चुकी इसलिए सुरक्षा के लिहाज से भी बात कर लेनी चाहिए। दरअसल इमर्शन रॉड भले सस्ती हो लेकिन इस्तेमाल में महंगी पड़ने के साथ-साथ यह असुरक्षित भी होती है। इमर्शन रॉड तेज करंट की मदद से पानी को गर्म करती है। ऐसे में हीटिंग रॉड के साथ थोड़ी भी लापरवाही से झटका लग सकता है। वहीं गीजर भले महंगा आता हो और उसमें इंस्टॉलेशन आदि का झंझट भी हो लेकिन वह इस्तेमाल में ज्यादा सस्ता और सुरक्षित रहता है।
हीटिंग रॉडहीटिंग रॉड का इस्तेमाल भारत में कई घरों में होता है। इसे इमर्शन रॉड भी कहा जाता है। गीजर और रॉड की कीमत के लिहाज से देखा जाए, तो साफ तौर पर एक इमर्शन रॉड काफी सस्ती आती है। यह उन लोगों के लिए ठीक है, जो गीजर पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं कर सकते हैं। बाजार में आम तौर पर एक इमर्शन रॉड 200 से 600 रुपये में खरीदी जा सकती है। इसे पानी की बाल्टी में डुबाकर इस्तेमाल किया जाता है। अब बात करें इसे इस्तेमाल करने के दौरान होने वाले बिजली खर्च की, तो एक एक 1.5 kW की इमर्शन रॉड अगर आधे घंटे चले तो लगभग 0.75 यूनिट बिजली खर्च करती है। ऐसे में अगर बिजली की प्रति यूनिट दर 10 रुपये मान ली जाए, तो यह दिन का 7 से 8 रुपये का खर्च दे सकती है। ऐसे में महीने भर इमर्शन रॉड को इस्तेमाल करने का खर्च लगभग 225 से 230 रुपये तक रह सकता है।
गीजरअब बात करें गीजर की तो यह इमर्शन रॉड से काफी महंगा आता है। एक अच्छा 3 लीटर का इंस्टेंट गीजर आपको बाजार में 2000 से 4000 रुपये तक का मिल सकता है। इसकी पावर रेटिंग करीब 3kW तक होती है। इसे 10 मिनट इस्तेमाल करने पर यह 0.5 यूनिट बिजली खर्च करता है। अगर रोज इसे दिन में एक बार इतनी देर के लिए इस्तेमाल किया जाए, तो महीने भर में इसका बिल 150 रुपये तक आता है।
कौन पड़ेगा सस्ताइस बात में दो राय नहीं कि खरीदते समय इमर्शन रॉड गीजर के मुकाबले काफी सस्ती पड़ती है लेकिन नॉर्मल इस्तेमाल के दौरान गीजर, इमर्शन रॉड के मुकाबले सस्ता पड़ता है। ऐसा इस वजह से भी होता है कि गीजर में ऑटो कट का फीचर देखने को मिलता है, जो कि नॉर्मली इमर्शन रॉड में नहीं होता। इससे अगर गीजर को ज्यादा देर के लिए चलता छोड़ भी दिया जाए, तो ऑटो कट होने के बाद उस दर पर बिजली खाना बंद कर देता है, जितनी वह पानी को गर्म करते हुए खा रहा होता है। इमर्शन रॉड के साथ ऐसा नहीं होता और उसे जितनें भी समय पानी में लगा छोड़ा जाए वह लगातार बिजली खाता रहेगा।
सुरक्षा के लिहाज से कौन बेहतरअब खर्चे की बात एक बार हो चुकी इसलिए सुरक्षा के लिहाज से भी बात कर लेनी चाहिए। दरअसल इमर्शन रॉड भले सस्ती हो लेकिन इस्तेमाल में महंगी पड़ने के साथ-साथ यह असुरक्षित भी होती है। इमर्शन रॉड तेज करंट की मदद से पानी को गर्म करती है। ऐसे में हीटिंग रॉड के साथ थोड़ी भी लापरवाही से झटका लग सकता है। वहीं गीजर भले महंगा आता हो और उसमें इंस्टॉलेशन आदि का झंझट भी हो लेकिन वह इस्तेमाल में ज्यादा सस्ता और सुरक्षित रहता है।
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