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Mumbai Local Train Accident: मुंब्रा हादसे में FIR के बाद फिर RPF–GRP में टकराव, जानें क्या है वजह

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मुंबई: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद नया नहीं है। दोनों बलों के बीच औपचारिक रूप से भले ही कोई बड़ी टकराव की घटना न हुई हो, लेकिन अक्सर जांच, जिम्मेदारियों और समन्वय को लेकर दोनों एजेंसियों के बीच तनाव देखने को मिलता रहा है। गुरुवार को एक बार फिर यह खींचतान सामने आई, जब मुंब्रा हादसे में पाँच महीने बाद GRP ने रेलवे के दो इंजीनियरों के खिलाफ लापरवाही की एफआईआर दर्ज की।

मुंब्रा में हुए हादसे में पांच यात्रियों की मौत हुई थी। रेलवे की आंतरिक जांच रिपोर्ट में मौत की वजह ट्रेन के रूट कर्व और यात्रियों के बैग के टकराव को बताया गया था। लेकिन GRP की जांच में इंजीनियरों की लापरवाही सामने आने पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। इस कदम के बाद रेलवे मजदूर संघों में नाराज़गी बढ़ गई और उन्होंने बुधवार को GRP के खिलाफ प्रदर्शन किया।

सीएसटी के वरिष्ठ पीआई संभाजी कटारे ने बताया कि बुधवार को दो यूनियनों ने अलग-अलग मोर्चे निकाले। पहले राष्ट्रीय मजदूर संघ मध्य रेलवे(NRMU ) ने DRM ऑफिस के बाहर विरोध जताया। इसके बाद सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS )ने स्टेशन परिसर में पहुँचकर मोटरमैन केबिन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने मोटरमैन केबिन का दरवाजा लॉक कर दिया, जिससे अप और डाउन दोनों दिशाओं की ट्रेनें ठप हो गईं। करीब एक घंटे तक ट्रेनें रुकी रहीं, जिसके चलते भारी अव्यवस्था फैली।

इसी बीच कई यात्री सैंडर्स रोड के पास रेल पटरियों से गुजरने लगे और इसी दौरान CSMT से अंबरनाथ जा रही ट्रेन की चपेट में आने से दो यात्रियों की जान चली गई। अब GRP इस नई दुर्घटना की जांच में जुटी है और माना जा रहा है कि इसमें भी एक और एफआईआर दर्ज हो सकती है।

RPF और GRP में तनाव की मुख्य वजहें
रेलवे एक्टिविस्ट समीर झवेरी के मुताबिक रेल हादसे में घायल या मृतकों को अस्पताल पहुँचाने की जिम्मेदारी GRP की होती है, जबकि अपराध जांच के दौरान इस्तेमाल होने वाला सीसीटीवी फुटेज RPF के अधीन आता है। अक्सर GRP को RPF से समय पर फुटेज नहीं मिल पाता, जिससे जांच प्रभावित होती है। इसके अलावा RPF का नियंत्रण केंद्र दिल्ली में है, जबकि GRP के अधिकारियों को नीति निर्धारण में शामिल नहीं किया जाता। GRP की आधी सैलरी रेल मंत्रालय और आधी राज्य सरकार देती है, जिससे दोनों ओर से पर्याप्त ध्यान न मिलने की शिकायत रहती है।

पुराने विवाद
2011 में मुंबई में एक महिला के यौन उत्पीड़न मामले में RPF पर सहयोग न करने का आरोप लगा था।
2014 में, आंध्र प्रदेश की 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर ईस्टर अनुहया हत्या मामले में सीसीटीवी फुटेज साझा करने को लेकर दोनों एजेंसियों में तकरार हुई थी।
जुलाई 2024 में बिहार के पटोरी स्टेशन पर GRP और RPF के बीच झड़प से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई थी।
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