ठाणे: पश्चिम महाराष्ट्र के बीजेपी समर्थित निर्दलीय विधायक शिवाजी पाटील को हनी ट्रैप में फंसाने की धमकी देकर पैसे की मांग करने के आरोपी को ठाणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ठाणे की चितलसर पुलिस ने 26 वर्षीय आरोपी मोहन पवार को कोल्हापुर के चंदगड से पकड़ा है। आरोप है कि वह सालभर से पवार को परेशान कर रहा था। पाटील ने पिछले हफ्ते चितलसर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था।
शिकायत में बताया गया था कि मामले की शुरुआत सितंबर 2024 में हुई थी। विधायक को अज्ञात नंबर से बार-बार कॉल आ रहा था। पहले तो उन्होंने कॉल्स को अनदेखा किया, लेकिन बाद में एक कॉल का जवाब दिया। कॉल करने वाली महिला ने खुद को जान पहचान वाली बताते हुए दोस्ती की इच्छा जताई।
दस लाख रुपये की मांगकुछ दिन बाद महिला ने दूसरे नंबर से संपर्क किया था। आरोप है कि वह महिला अश्लील चैट करती, विडियो और फोटो रोजाना भेजने लगी थी। इसके बाद उनसे 10 लाख रुपये की मांग की थी। रुपये न देने पर महिला ने झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईटी ऐक्ट 2000 की धारा 67 और भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज किया।
ऐसे हुई शुरुआतडीसीपी प्रशांत कदम ने कहा कि संदिग्ध, मोहन ज्योतिबा पवार, एक विज्ञान स्नातक, ने वॉट्सऐप पर एक फर्जी प्रोफाइल बनाई और पिछले साल सितंबर में एक महिला के रूप में कोल्हापुर जिले के चांदगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक शिवाजी पाटिल के साथ संपर्क शुरू किया। पाटिल को जल्द ही खाते से अश्लील संदेश और स्पष्ट वीडियो मिलने लगे।
गूगल से निकालता था तस्वीरेंडीसीपी ने कहा कि पवार ने धमकी दी कि अगर उसने 5 लाख - 10 लाख रुपये की रकम नहीं दी तो वह इन्हें सार्वजनिक कर देगा। विधायक, जो अपना समय ठाणे-मुंबई और अपने निर्वाचन क्षेत्र के बीच बांटते हैं, ने तुरंत ठाणे में चितलसर पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कई महिलाओं की तस्वीरें डाउनलोड कीं और उनका इस्तेमाल फर्जी पहचान बनाने में किया।
कदम ने कहा कि हो सकता है कि उसने अन्य जनप्रतिनिधियों को भी निशाना बनाया हो। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इस मामले से कोई राजनीतिक मकसद या साज़िश जुड़ी है।" पवार को बुधवार तक चितलसर पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है।
शिकायत में बताया गया था कि मामले की शुरुआत सितंबर 2024 में हुई थी। विधायक को अज्ञात नंबर से बार-बार कॉल आ रहा था। पहले तो उन्होंने कॉल्स को अनदेखा किया, लेकिन बाद में एक कॉल का जवाब दिया। कॉल करने वाली महिला ने खुद को जान पहचान वाली बताते हुए दोस्ती की इच्छा जताई।
दस लाख रुपये की मांगकुछ दिन बाद महिला ने दूसरे नंबर से संपर्क किया था। आरोप है कि वह महिला अश्लील चैट करती, विडियो और फोटो रोजाना भेजने लगी थी। इसके बाद उनसे 10 लाख रुपये की मांग की थी। रुपये न देने पर महिला ने झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईटी ऐक्ट 2000 की धारा 67 और भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज किया।
ऐसे हुई शुरुआतडीसीपी प्रशांत कदम ने कहा कि संदिग्ध, मोहन ज्योतिबा पवार, एक विज्ञान स्नातक, ने वॉट्सऐप पर एक फर्जी प्रोफाइल बनाई और पिछले साल सितंबर में एक महिला के रूप में कोल्हापुर जिले के चांदगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक शिवाजी पाटिल के साथ संपर्क शुरू किया। पाटिल को जल्द ही खाते से अश्लील संदेश और स्पष्ट वीडियो मिलने लगे।
गूगल से निकालता था तस्वीरेंडीसीपी ने कहा कि पवार ने धमकी दी कि अगर उसने 5 लाख - 10 लाख रुपये की रकम नहीं दी तो वह इन्हें सार्वजनिक कर देगा। विधायक, जो अपना समय ठाणे-मुंबई और अपने निर्वाचन क्षेत्र के बीच बांटते हैं, ने तुरंत ठाणे में चितलसर पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कई महिलाओं की तस्वीरें डाउनलोड कीं और उनका इस्तेमाल फर्जी पहचान बनाने में किया।
कदम ने कहा कि हो सकता है कि उसने अन्य जनप्रतिनिधियों को भी निशाना बनाया हो। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या इस मामले से कोई राजनीतिक मकसद या साज़िश जुड़ी है।" पवार को बुधवार तक चितलसर पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है।
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