अगली ख़बर
Newszop

Nabinagar Voting: नबीनगर सीट पर चेतन आनंद की किस्मत EVM में पैक, अब 14 का इंतजार

Send Push
औरंगाबाद: बिहार में इस दफे चुनाव में कई उलटफेर हुए। इसी में एक था चेतन आनंद का पाल बदल कर जदयू में आना। राजद से शिवहर के विधायक चेतन आनंद ने फरवरी 2024 में राजद विधायक रहते हुए विश्वासमत के दौरान नीतीश कुमार की सरकार का साथ दिया। चेतन आनंद ने इसके बाद जदयू का दामन थाम लिया। लोग यही मान कर चल रहे थे कि चेतन आनंद शिवहर से ही चुनाव लड़ेंगे। लेकिन जदयू ने रणनीति बदली और चेतन आनंद को शिवहर के बजाए औरंगाबाद जिले की नबीनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया है।


जानिए चेतन आनंद और उनके विरोधियों के बारे में

चेतन आनंद अपने जमाने के बाहुबली रहे आनंद मोहन सिंह के बेटे हैं। आनंद मोहन सिंह वो नेता हैं जिनकी एंट्री मुन्ना शुक्ला के भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला की हत्या के बाद हुई। उनके इस हत्याकांड में सामने आने के बाद उत्तर बिहार में पहली बार भूमिहार और राजपूत जाति के दबंग से लेकर नेता तक एक हो गए। हालांकि आनंद मोहन सजा पाने के बाद चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रहे। लेकिन उनकी पत्नी लवली आनंद जदयू के टिकट पर शिवहर से लोकसभा सांसद हैं। वहीं बेटे चेतन आनंद भी पिता आनंद मोहन के नक्शे कदम पर हैं।

ठाकुर का कुआं और 2025 का चुनाव
माना जाता है कि राजद सांसद मनोज कुमार झा के ठाकुर का कुआं कविता ने आनंद मोहन परिवार को राजद से दूर करने में अहम भूमिका निभाई। राजपूत जाति से आने वाले आनंद मोहन को ये कविता और राजद का स्टैंड नागवार गुजरा। इसके बाद चेतन आनंद ने तेजस्वी और लालू का साथ छोड़ दिया। इस विधानसभा चुनाव में नबीनगर से चेतन आनंद को राजद के आमोद चंद्रवंशी और जनसुराज पार्टी की अर्चना चंद्रा से दोहरी चुनौती मिली है। इस बार नबीनगर में भी बंपर वोटिंग हुई है और इसका प्रतिशत 65.96 है। ऐसे में चेतन आनंद क्या शिवहर की जीत को नबीनगर में भी दोहरा पाएंगे? लिहाजा सभी ने अपने दिल को 14 नवंबर के लिए थाम लिया है।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें