नई दिल्ली: लाल किले के पास हुए कार धमाके ने 12 लोगों की जान ले ली। दर्जनों को घायल कर दिया। इस दुखद घटना ने एक जरूरी सवाल खड़ा कर दिया है- क्या भारतीय आतंकी हमलों के खिलाफ आर्थिक रूप से सुरक्षित हैं? जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इस त्रासदी ने एक बड़ी कमी को उजागर किया है। आम बीमा पॉलिसियों में टेरर कवर शामिल नहीं है। बड़ी संख्या में लोग इसे लेकर अंधेरे में रहते हैं।
आतंकवादी हमले भले ही कम होते हों। लेकिन, उनके नतीजे बहुत भयानक होते हैं। ये हमले रातोंरात संपत्ति, गाड़ियां और लोगों की रोजी-रोटी तबाह कर देते हैं। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत से लोग गलती से यह मान लेते हैं कि उनकी सभी बीमा पॉलिसियों में आतंकवाद का कवर अपने आप शामिल होता है। लेकिन, हकीकत यह है कि यह कवर आमतौर पर एक अतिरिक्त सुविधा के तौर पर मिलता है। इसके लिए अलग से प्रीमियम देना पड़ता है।
लाइफ इंश्योरेंस कवर में क्या रहता है सीन?
इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के सीओओ अत्रि चक्रवर्ती ने बिजनेस टुडे से बातचीत में बताया, 'लाइफ इंश्योरेंस में आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों के दावों का भुगतान आम तौर पर किया जाता है, जब तक कि इसे स्पष्ट रूप से बाहर न रखा गया हो। लेकिन, सामान्य बीमा में आतंकवाद से सुरक्षा मूल कवर का हिस्सा नहीं होती और इसे अलग से जोड़ना पड़ता है।'
श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ, कैस्परस जेएच क्रोमहोउट के अनुसार, 'टर्म या बचत योजनाओं में आम तौर पर मृत्यु के सभी कारणों को कवर किया जाता है। सिवाय पहले पॉलिसी वर्ष में आत्महत्या के। जीवन बीमा के तहत कोई अलग 'आतंकवाद कवर' नहीं होता है। हालांकि, दुर्घटना या गंभीर बीमारी जैसे राइडर्स आतंकवाद से होने वाली मृत्यु पर लागू नहीं होते।'
पुरानी हेल्थ पॉलिसी में यह देखने की जरूरत
स्वास्थ्य बीमा में भी आतंकवाद से सुरक्षा शामिल होने लगी है। लॉन्गटेल वेंचर्स के संस्थापक परमदीप सिंह कहते हैं, '85% से ज्यादा नई रिटेल स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में अब आतंकवाद कवर अपने आप शामिल होता है। हालांकि, कई पुरानी या कॉर्पोरेट ग्रुप योजनाओं में अभी भी इसे बाहर रखा गया है। हमेशा 'एक्सक्लूजन' जांच करें। यदि आतंकवाद को बाहर रखे जाने वाली सूची में सूचीबद्ध नहीं किया गया है तो आप पहले से ही कवर हैं।'
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ अंडरराइटिंग ऑफिसर शशि कांत डहुजा ने साफ किया भारत में आतंकवाद को डिफॉल्ट रूप से शामिल नहीं किया जाता है। यह एक वैकल्पिक ऐड-ऑन के रूप में उपलब्ध है। इसे ग्राहक अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके चुन सकते हैं। यह पुष्टि करने के लिए कि आपकी पॉलिसी में यह कवरेज शामिल है या नहीं, पॉलिसी के शब्दों को देखें - आतंकवाद कवर 'ऐड-ऑन कवर्स' या 'एक्सटेंशन' के तहत सूचीबद्ध होता है। वैकल्पिक रूप से स्पष्टीकरण के लिए अपने बीमाकर्ता या एजेंट से संपर्क करें।
विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि अपनी पॉलिसी के विवरण को समझना बहुत जरूरी है। हर बीमा दस्तावेज में एक 'अपवाद' या 'एक्सक्लूजन' सेक्शन होता है। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है जहां आतंकवाद कवरेज की स्थिति स्पष्ट रूप से बताई जाती है। उपभोक्ताओं को सक्रिय रूप से यह सत्यापित करना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं या नहीं और यदि आवश्यक हो तो इस कमी को दूर करने के लिए एक एंडोर्समेंट खरीदना चाहिए।
क्या की गई है व्यवस्था?
व्यवसायों के लिए 9/11 के बाद ग्लोबल रीइंश्योरर्स की ओर से इस तरह की सुरक्षा देना बंद कर दिया गया था। इसके बाद आतंकवाद से संबंधित बीमा कवरेज में एक बड़ी कमी को दूर करने के लिए भारत ने 2002 में इंडियन मार्केट टेररिज्म रिस्क इंश्योरेंस पूल (IMTRIP) की स्थापना की थी। जीआईसी री (GIC Re) की ओर से संचालित यह पूल देश की सभी गैर-जीवन बीमा कंपनियों को आतंकवाद के जोखिम को संयुक्त रूप से अंडरराइट और वितरित करने की अनुमति देता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में IMTRIP ने 1,654.63 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्र किया और 3.12 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया। यह पूल किसी एक साइट पर 2,000 करोड़ रुपये तक के नुकसान को कवर करता है। ज्यादा सुरक्षा के लिए पॉलिसीधारकों को एक अलग आतंकवाद बीमा पॉलिसी खरीदनी होगी।
ऐसे ऐड-ऑन आमतौर पर आतंकवादी कृत्यों से सीधे होने वाले शारीरिक नुकसान या क्षति को कवर करते हैं। इसमें विस्फोट, आगजनी या बीमित संपत्ति का विनाश शामिल है। व्यवसायों के लिए पॉलिसी में व्यवसाय बाधित होने पर होने वाले नुकसान का मुआवजा देने वाला 'बिजनेस इंटरप्शन कवर' भी शामिल हो सकता है, जो ऐसी घटनाओं के बाद जबरन बंद होने के दौरान खोई हुई आय की भरपाई करता है।
आतंकवादी हमले भले ही कम होते हों। लेकिन, उनके नतीजे बहुत भयानक होते हैं। ये हमले रातोंरात संपत्ति, गाड़ियां और लोगों की रोजी-रोटी तबाह कर देते हैं। बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत से लोग गलती से यह मान लेते हैं कि उनकी सभी बीमा पॉलिसियों में आतंकवाद का कवर अपने आप शामिल होता है। लेकिन, हकीकत यह है कि यह कवर आमतौर पर एक अतिरिक्त सुविधा के तौर पर मिलता है। इसके लिए अलग से प्रीमियम देना पड़ता है।
लाइफ इंश्योरेंस कवर में क्या रहता है सीन?
इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस के सीओओ अत्रि चक्रवर्ती ने बिजनेस टुडे से बातचीत में बताया, 'लाइफ इंश्योरेंस में आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों के दावों का भुगतान आम तौर पर किया जाता है, जब तक कि इसे स्पष्ट रूप से बाहर न रखा गया हो। लेकिन, सामान्य बीमा में आतंकवाद से सुरक्षा मूल कवर का हिस्सा नहीं होती और इसे अलग से जोड़ना पड़ता है।'
श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ, कैस्परस जेएच क्रोमहोउट के अनुसार, 'टर्म या बचत योजनाओं में आम तौर पर मृत्यु के सभी कारणों को कवर किया जाता है। सिवाय पहले पॉलिसी वर्ष में आत्महत्या के। जीवन बीमा के तहत कोई अलग 'आतंकवाद कवर' नहीं होता है। हालांकि, दुर्घटना या गंभीर बीमारी जैसे राइडर्स आतंकवाद से होने वाली मृत्यु पर लागू नहीं होते।'
पुरानी हेल्थ पॉलिसी में यह देखने की जरूरत
स्वास्थ्य बीमा में भी आतंकवाद से सुरक्षा शामिल होने लगी है। लॉन्गटेल वेंचर्स के संस्थापक परमदीप सिंह कहते हैं, '85% से ज्यादा नई रिटेल स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में अब आतंकवाद कवर अपने आप शामिल होता है। हालांकि, कई पुरानी या कॉर्पोरेट ग्रुप योजनाओं में अभी भी इसे बाहर रखा गया है। हमेशा 'एक्सक्लूजन' जांच करें। यदि आतंकवाद को बाहर रखे जाने वाली सूची में सूचीबद्ध नहीं किया गया है तो आप पहले से ही कवर हैं।'
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ अंडरराइटिंग ऑफिसर शशि कांत डहुजा ने साफ किया भारत में आतंकवाद को डिफॉल्ट रूप से शामिल नहीं किया जाता है। यह एक वैकल्पिक ऐड-ऑन के रूप में उपलब्ध है। इसे ग्राहक अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करके चुन सकते हैं। यह पुष्टि करने के लिए कि आपकी पॉलिसी में यह कवरेज शामिल है या नहीं, पॉलिसी के शब्दों को देखें - आतंकवाद कवर 'ऐड-ऑन कवर्स' या 'एक्सटेंशन' के तहत सूचीबद्ध होता है। वैकल्पिक रूप से स्पष्टीकरण के लिए अपने बीमाकर्ता या एजेंट से संपर्क करें।
विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि अपनी पॉलिसी के विवरण को समझना बहुत जरूरी है। हर बीमा दस्तावेज में एक 'अपवाद' या 'एक्सक्लूजन' सेक्शन होता है। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है जहां आतंकवाद कवरेज की स्थिति स्पष्ट रूप से बताई जाती है। उपभोक्ताओं को सक्रिय रूप से यह सत्यापित करना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं या नहीं और यदि आवश्यक हो तो इस कमी को दूर करने के लिए एक एंडोर्समेंट खरीदना चाहिए।
क्या की गई है व्यवस्था?
व्यवसायों के लिए 9/11 के बाद ग्लोबल रीइंश्योरर्स की ओर से इस तरह की सुरक्षा देना बंद कर दिया गया था। इसके बाद आतंकवाद से संबंधित बीमा कवरेज में एक बड़ी कमी को दूर करने के लिए भारत ने 2002 में इंडियन मार्केट टेररिज्म रिस्क इंश्योरेंस पूल (IMTRIP) की स्थापना की थी। जीआईसी री (GIC Re) की ओर से संचालित यह पूल देश की सभी गैर-जीवन बीमा कंपनियों को आतंकवाद के जोखिम को संयुक्त रूप से अंडरराइट और वितरित करने की अनुमति देता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में IMTRIP ने 1,654.63 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्र किया और 3.12 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया। यह पूल किसी एक साइट पर 2,000 करोड़ रुपये तक के नुकसान को कवर करता है। ज्यादा सुरक्षा के लिए पॉलिसीधारकों को एक अलग आतंकवाद बीमा पॉलिसी खरीदनी होगी।
ऐसे ऐड-ऑन आमतौर पर आतंकवादी कृत्यों से सीधे होने वाले शारीरिक नुकसान या क्षति को कवर करते हैं। इसमें विस्फोट, आगजनी या बीमित संपत्ति का विनाश शामिल है। व्यवसायों के लिए पॉलिसी में व्यवसाय बाधित होने पर होने वाले नुकसान का मुआवजा देने वाला 'बिजनेस इंटरप्शन कवर' भी शामिल हो सकता है, जो ऐसी घटनाओं के बाद जबरन बंद होने के दौरान खोई हुई आय की भरपाई करता है।
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