पटना: बिहार के पटना जिले के मोकामा में जन सुराज पार्टी के नेता दुलार चंद यादव की हत्या के एक दिन बाद शुक्रवार को पुलिस ने घटना की जांच के लिए तीन प्राथमिकी दर्ज की और इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया । पुलिस ने इसकी जानकारी दी। मोकामा से जनता दल (यू) उम्मीदवार और स्थानीय कद्दावर नेता अनंत सिंह को चार अन्य के साथ एक प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है। यह प्राथमिकी मृतक के पोते की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है।
दुलारचंद यादव मर्डर केस में नया मोड़
दुलारचंद यादव की गुरुवार को मोकामा क्षेत्र में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते समय हत्या किए जाने का आरोप है। पहले कहा जा रहा था कि दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। लेकिन शुक्रवार को पोस्टमार्टम करने वाले तीन चिकित्सकों ने निष्कर्ष निकाला कि यादव के पैर में लगी गोली घातक नहीं थी।
क्या कहा डॉक्टर ने?
पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'दुलारंच यादव की मौत गोली लगने से नहीं हुई। गोली मौत का कारण नहीं थी क्योंकि यह बिल्कुल भी जानलेवा नहीं थी। ये टखने के पास आर पार हो गई थी। हम जल्द ही पुलिस को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।'
क्या कहा पुलिस ने?
पटना (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रम सिहाग ने संवाददाताओं को बताया, 'प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि उनकी मौत गोली लगने से नहीं हुई। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि सही कारण का पता चल सके। पुलिस ने अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं और दो लोगों को गिरफ्तार किया है।'
वीडियो में क्या दिख रहा
कई मीडिया चैनलों पर जो वीडियो चल रहे हैं या वो वीडियो जो मारपीट के दौरान स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किए, उनमें दुलारचंद यादव खुद पत्थर चलाते दिख रहे हैं। इसी वीडियो में ये भी दिख रहा कि अनंत सिंह का काफिला आगे निकल चुका है। उस पर दुलारचंद यादव समेत बाकी लोग पीछे से पत्थर मार रहे हैं। उधर मृतक के पोते ने लिखित तौर पर FIR दर्ज कराई है कि दुलारचंद यादव को पीटा गया और थार गाड़ी से कुचलकर मारा गया।
अनंत सिंह आगे निकल चुके थे, पीछे कौन था?
लेकिन सारे वायरल वीडियो में दुलारचंद यादव के आस पास कहीं कोई थार गाड़ी नहीं दिख रही। सवाल यही उठ रहा है कि वीडियो के हिसाब से अनंत सिंह काफिले से काफी आगे निकल चुके थे। रोड वन वे के जैसी थी। ऐसे में वापस गाड़ी मोड़कर लौटना मुश्किल था। खेत में गाड़ी उतारने पर वो मिट्टी में फंस जाती क्योंकि बारिश की वजह से जमीन गीली हो चुकी थी। फिर पीछे कौन लोग थे जिन्होंने आकर दुलारचंद यादव पर हमला किया और उन्हें मार डाला। चर्चा है कि साजिश की जड़ें गहरी हैं और पुलिस की सही जांच ही इससे पर्दा उठा सकती है।
भाषा के इनपुट्स के साथ
दुलारचंद यादव मर्डर केस में नया मोड़
दुलारचंद यादव की गुरुवार को मोकामा क्षेत्र में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते समय हत्या किए जाने का आरोप है। पहले कहा जा रहा था कि दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। लेकिन शुक्रवार को पोस्टमार्टम करने वाले तीन चिकित्सकों ने निष्कर्ष निकाला कि यादव के पैर में लगी गोली घातक नहीं थी।
क्या कहा डॉक्टर ने?
पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'दुलारंच यादव की मौत गोली लगने से नहीं हुई। गोली मौत का कारण नहीं थी क्योंकि यह बिल्कुल भी जानलेवा नहीं थी। ये टखने के पास आर पार हो गई थी। हम जल्द ही पुलिस को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे।'
क्या कहा पुलिस ने?
पटना (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रम सिहाग ने संवाददाताओं को बताया, 'प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि उनकी मौत गोली लगने से नहीं हुई। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि सही कारण का पता चल सके। पुलिस ने अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं और दो लोगों को गिरफ्तार किया है।'
वीडियो में क्या दिख रहा
कई मीडिया चैनलों पर जो वीडियो चल रहे हैं या वो वीडियो जो मारपीट के दौरान स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किए, उनमें दुलारचंद यादव खुद पत्थर चलाते दिख रहे हैं। इसी वीडियो में ये भी दिख रहा कि अनंत सिंह का काफिला आगे निकल चुका है। उस पर दुलारचंद यादव समेत बाकी लोग पीछे से पत्थर मार रहे हैं। उधर मृतक के पोते ने लिखित तौर पर FIR दर्ज कराई है कि दुलारचंद यादव को पीटा गया और थार गाड़ी से कुचलकर मारा गया।
अनंत सिंह आगे निकल चुके थे, पीछे कौन था?
लेकिन सारे वायरल वीडियो में दुलारचंद यादव के आस पास कहीं कोई थार गाड़ी नहीं दिख रही। सवाल यही उठ रहा है कि वीडियो के हिसाब से अनंत सिंह काफिले से काफी आगे निकल चुके थे। रोड वन वे के जैसी थी। ऐसे में वापस गाड़ी मोड़कर लौटना मुश्किल था। खेत में गाड़ी उतारने पर वो मिट्टी में फंस जाती क्योंकि बारिश की वजह से जमीन गीली हो चुकी थी। फिर पीछे कौन लोग थे जिन्होंने आकर दुलारचंद यादव पर हमला किया और उन्हें मार डाला। चर्चा है कि साजिश की जड़ें गहरी हैं और पुलिस की सही जांच ही इससे पर्दा उठा सकती है।
भाषा के इनपुट्स के साथ
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