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'शिव की गंगा भी पानी है, आब-ए-जमजम भी पानी है', पहलगाम हमले के खिलाफ करण वीर मेहरा की कविता पर नतमस्तक हुए लोग

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पहलगाम आतंकी हमले के खूनी खेल ने इस वक्त देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों के दिलों को चीर कर रख दिया है। बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर को हुए आतंकी हमले में जैसे हर देशवासी इस वक्त लहू-लुहान नजर आ रहा। फिल्म से लेकर टीवी सितारों ने इस कुकृत्य की जमकर निंदा की है। वहीं 'बिग बॉस 18' के विनर करण वीर मेहरा ने भी इस वीभत्स घटना के खिलाफ अपनी कविता के जरिए आवाज उठाई है।ग्राउंड जीरो से जो नजारे सामने आए हैं, वे सभी लोगों के दिलों को छलनी कर रहे हैं। मौजूदा हालात को देखने के बाद, करण वीर मेहरा ने आशुतोष राणा की लिखी हिंदू-मुस्लिम पर एक खूबसूरक कविता सुनाई।
हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर सुनाई शानदार कविताकरण वीर मेहरा ने एक्स और इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आशुतोष राणा की लिखी एक हिंदी कविता का पढ़ते नजर आ रहे हैं। इस कविता की लाइनें कुछ ऐसी हैं- करण वीर मेहरा की इस दर्द भरी कविता की लाइनें कुछ इस तरह हैं-बांट दिया इस धरती को, क्या चांद-सितारों का होगा?नदियों को कुछ नाम दिए, बहती धरों का क्या होगा?शिव की गंगा भी पानी है, आब-ए-जमजम भी पानी हैपंडित भी पिएं मुल्ला भी पिएं, तो पानी का मजहब क्या होगा?एक है सूरज चांद है एक, एक हवा में सांस है सबकीतो पूछो इन फिरकापरस्तों से, क्या हवा भी नई चलाओगे?नसलो का करें जो बटवारा, रहबर वो कौम का ढोंगी हैसवाल तो बस एक ही है, क्या अल्लाह ने मंदिर तोड़ा था या राम ने मस्जिद तोड़ी है?बांट दिए इस धरती कोकोई हिंदू है, कोई मुसलमान, कोई सिख कोई इसाईबस हमने इंसान न होने की है कसम खाई।करणवीर मेहरा की इस कविता ने लोगों को खूब इमोशनल किया है। एक ने कहा- मुझे, आपने जो गंगा और ज़म ज़म पानी को लेकर कहा है, वो बहुत अच्छा लगा, दोनों ही पानी हैं।
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