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भारत के पास 1.4 अरब लोग तो वह हमारा मक्का क्यों नहीं खरीदते... ट्रंप के मंत्री की नई गीदड़भभकी

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वॉशिंगटन: भारत और अमेरिका में टैरिफ को लेकर खींचतान जारी है। अमेरिका ने भारत से आयात पर कुल 50% का टैरिफ लगाया है। इनमें से 25% भारत में अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स के कारण और बाकी का 25% रूस से तेल खरीदने के कारण लगा है। हालांकि, दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने हाल के दिनों में टैरिफ पर फिर से बातचीत शुरू करने और शर्तों में नरमी के संकेत दिए थे। लेकिन, अमेरिकी प्रशासन ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत में इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद उनके देश से मक्का न खरीदने का आरोप लगाया है।



हमसे मक्का क्यों नहीं खरीदता भारत: लुटनिक

हॉवर्ड लुटनिक ने एक इंटरव्यू में कहा "हम बड़ी कीमत चुका रहे हैं। हम ऐसा नहीं कर सकते। भारत शेखी बघारता है कि उसके पास 1.4 अरब लोग हैं। उसके 1.4 अरब लोग अमेरिका से एक बुशल (35.2kg) मक्का क्यों नहीं खरीदते? क्या यह बात आपको बुरी नहीं लगती कि वे हमें सब कुछ बेचते हैं और हमारा मक्का नहीं खरीदते? वे हर चीज पर टैरिफ लगाते हैं। इसलिए राष्ट्रपति (ट्रंप) कहते हैं, "अपने टैरिफ कम करो।







लुटनिक ने 'ट्रंप मॉडल' समझाया

उन्होंने आगे कहा, "हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करो जैसा हम तुम्हारे साथ करते हैं। अब हमारे पास सही और गलत के कई साल हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि जब तक हम इसे ठीक नहीं कर लेते, तब तक टैरिफ दूसरी तरफ रहे। है ना? यही राष्ट्रपति का मॉडल है और या तो आप इसे स्वीकार करें या फिर आपको दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता के साथ व्यापार करने में मुश्किल होगी।"



भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता जल्द

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर लिखा था कि वह भारत के साथ जल्द ही व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने वाले हैं। ट्रंप ने लिखा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं।" ट्रंप ने आगे कहा, "मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं।" ट्रंप के भारत के लिए राजदूत नियुक्त सर्जियो गोर ने भी सीनेट विदेश मामलों की समिति के सामने कहा था कि दोनों देश व्यापार समझौता करने के करीब हैं।

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