खार्तूम: सूडान में पिछले दो सालों से चल रहा गृहयुद्ध भयानक स्तर पर पहुंच गया है। सूडान की सेना के ही दो हिस्से आपस में देश पर कब्जा करने के लिए लड़ रहे हैं। एक तरफ सूडान की सेना है तो दूसरी तरफ रैपिड सपोर्ट फोर्सेज यानि RSF है। सूडान की सेना ने कहा है कि पिचले 48 घंटे में RSF ने 2000 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी है। स्थिति इतनी ज्यादा भयानक है कि सैटेलाइट तस्वीरों में भी लाशों का ढेर दिख रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, RSF ने अल-फशर शहर में निहत्थे नागरिकों का कत्लेआम कर दिया है। आधिकारिक मौतों का आंकड़ा अभी तक 2000 से ज्यादा है, जबकि वास्तविक आंकड़ा इससे काफी ज्यादा हो सकता है।
दूसरी तरफ अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सूडान के अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज यानि RSF को चीनी हथियारों और ड्रोन की आपूर्ति में भारी इजाफा किया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग और विदेश मंत्रालय की खुफिया शाखाओं ने अक्टूबर तक ऐसी गतिविधियों की पुष्टि की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अबू धाबी से चीनी "रेनबो सीरीज" के ड्रोन, छोटे हथियार, भारी मशीनगन, तोपें, वाहन और गोला-बारूद की भारी मात्रा में RSF को सप्लाई की जा रही है। दारफुर क्षेत्र में नागरिकों को मारने के लिए इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 'संभावित जातीय सफाया' करार दिया है।
सूडान में भयानक गृहयुद्ध, आम नागरिकों का कत्लेआम
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 18 महीनों के क्रूर युद्ध के बाद अल-फशर शहर पर अब RSF ने कब्जा कर लिया है और वो वहां नरसंहार कर रहा है। इस समूह को विशाल दारफूर क्षेत्र की हर राज्य की राजधानी पर नियंत्रण मिल गया है। वहीं, सेना के साथ लड़ने वाले एक सैन्य समूह ज्वाइंट फोर्स ने आज कहा है कि RSF ने "अल-फशर शहर में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ जघन्य अपराध किए हैं।" इसने कहा है कि 26 और 27 अक्टूबर को 2,000 से ज्यादा निहत्थे नागरिकों को मार दिया गया है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं। एक वीडिया सामने आया है, जिसमें देखा जा रहा है कि एक कतार में महिलाओं और बच्चों को बिठाकर बिल्कुल सामने से उनपर अंधाधुंध गोलियां बरसाई जा रही हैं। रिपोर्ट है कि RSF के लोग घर घर जाकर लोगों को मार रहे हैं।
सूडान में आखिर क्यों हो रहा है गृहयुद्ध?
RSF का इतिहास सूडान की जांजावीद मिलिशिया से जुड़ा है, जिसने 2000 के दशक की शुरुआत में दारफुर में गैर-अरब समुदायों पर नरसंहार किया था। इसके नेता मोहम्मद हमदान दगालो, जिन्हें "हेमेटी" के नाम से जाना जाता है, वो UAE के घनिष्ठ सहयोगी हैं और उन्होंने दुबई में अपना बिजनेस हेडक्वार्टर स्थापित किया है। रिपोर्टों के मुताबिक, हेमेटी और उनका परिवार दारफुर की खदानों से अवैध सोना दुबई के रास्ते तस्करी करते हैं, जिससे RSF की आर्थिक जड़ें मजबूत हुई हैं। इस समय हेमेटी की सेना ने सूडान के पश्चिमी हिस्से पर लगभग पूरा नियंत्रण कर लिया है। RSF के पास अब दारफुर के सभी पांच राज्यीय मुख्यालयों का नियंत्रण है, जिससे सूडान के एक बड़े हिस्से को व्यवहारिक तौर पर अलग प्रशासनिक क्षेत्र बना लिया गया है।
RSF की क्रूरता अल-फाशर शहर में हुई है, जहां दो दिनों में 2,000 से ज्यादा नागरिकों की हत्या कर दी गई है। येल यूनिवर्सिटी के ह्यूमेनिटेरियन रिसर्च लैब (HRL) की तरफ से किए गए सैटेलाइट विश्लेषण में शहर के चारों ओर लाशों के समूह और लाल रंग से सनी रेत दिखाई दे रही है, जो अंतरिक्ष से भी देखी जा सकती है। HRL की रिपोर्ट के मुताबिक, यह "जानबूझकर किया गया जातीय सफाया" है, खासकर फुर, जाघावा और बर्टी जैसे गैर-अरब समुदायों के खिलाफ। चश्मदीदों के मुताबिक, RSF के लड़ाके घर-घर जाकर तलाशी अभियान के बहाने नागरिकों को गोली मार रहे थे।
दूसरी तरफ अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सूडान के अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज यानि RSF को चीनी हथियारों और ड्रोन की आपूर्ति में भारी इजाफा किया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग और विदेश मंत्रालय की खुफिया शाखाओं ने अक्टूबर तक ऐसी गतिविधियों की पुष्टि की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अबू धाबी से चीनी "रेनबो सीरीज" के ड्रोन, छोटे हथियार, भारी मशीनगन, तोपें, वाहन और गोला-बारूद की भारी मात्रा में RSF को सप्लाई की जा रही है। दारफुर क्षेत्र में नागरिकों को मारने के लिए इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 'संभावित जातीय सफाया' करार दिया है।
सूडान में भयानक गृहयुद्ध, आम नागरिकों का कत्लेआम
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 18 महीनों के क्रूर युद्ध के बाद अल-फशर शहर पर अब RSF ने कब्जा कर लिया है और वो वहां नरसंहार कर रहा है। इस समूह को विशाल दारफूर क्षेत्र की हर राज्य की राजधानी पर नियंत्रण मिल गया है। वहीं, सेना के साथ लड़ने वाले एक सैन्य समूह ज्वाइंट फोर्स ने आज कहा है कि RSF ने "अल-फशर शहर में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ जघन्य अपराध किए हैं।" इसने कहा है कि 26 और 27 अक्टूबर को 2,000 से ज्यादा निहत्थे नागरिकों को मार दिया गया है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं। एक वीडिया सामने आया है, जिसमें देखा जा रहा है कि एक कतार में महिलाओं और बच्चों को बिठाकर बिल्कुल सामने से उनपर अंधाधुंध गोलियां बरसाई जा रही हैं। रिपोर्ट है कि RSF के लोग घर घर जाकर लोगों को मार रहे हैं।
सूडान में आखिर क्यों हो रहा है गृहयुद्ध?
RSF का इतिहास सूडान की जांजावीद मिलिशिया से जुड़ा है, जिसने 2000 के दशक की शुरुआत में दारफुर में गैर-अरब समुदायों पर नरसंहार किया था। इसके नेता मोहम्मद हमदान दगालो, जिन्हें "हेमेटी" के नाम से जाना जाता है, वो UAE के घनिष्ठ सहयोगी हैं और उन्होंने दुबई में अपना बिजनेस हेडक्वार्टर स्थापित किया है। रिपोर्टों के मुताबिक, हेमेटी और उनका परिवार दारफुर की खदानों से अवैध सोना दुबई के रास्ते तस्करी करते हैं, जिससे RSF की आर्थिक जड़ें मजबूत हुई हैं। इस समय हेमेटी की सेना ने सूडान के पश्चिमी हिस्से पर लगभग पूरा नियंत्रण कर लिया है। RSF के पास अब दारफुर के सभी पांच राज्यीय मुख्यालयों का नियंत्रण है, जिससे सूडान के एक बड़े हिस्से को व्यवहारिक तौर पर अलग प्रशासनिक क्षेत्र बना लिया गया है।
RSF की क्रूरता अल-फाशर शहर में हुई है, जहां दो दिनों में 2,000 से ज्यादा नागरिकों की हत्या कर दी गई है। येल यूनिवर्सिटी के ह्यूमेनिटेरियन रिसर्च लैब (HRL) की तरफ से किए गए सैटेलाइट विश्लेषण में शहर के चारों ओर लाशों के समूह और लाल रंग से सनी रेत दिखाई दे रही है, जो अंतरिक्ष से भी देखी जा सकती है। HRL की रिपोर्ट के मुताबिक, यह "जानबूझकर किया गया जातीय सफाया" है, खासकर फुर, जाघावा और बर्टी जैसे गैर-अरब समुदायों के खिलाफ। चश्मदीदों के मुताबिक, RSF के लड़ाके घर-घर जाकर तलाशी अभियान के बहाने नागरिकों को गोली मार रहे थे।
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