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Ancestral vs Inherited Property: जानें पैतृक और विरासत में मिली संपत्ति में अंतर और कानूनी अधिकार

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Ancestral vs Inherited Property: जानें पैतृक और विरासत में मिली संपत्ति में अंतर और कानूनी अधिकार

संपत्ति अधिकारों के कानूनी पहलू जटिल हो सकते हैं, और ज्यादातर लोगों को पैतृक (ancestral property) और विरासत में मिली संपत्ति (inherited property) के अंतर की पूरी जानकारी नहीं होती। इन दोनों प्रकार की संपत्तियों को अक्सर एक ही समझा जाता है, लेकिन कानूनी रूप से इनमें महत्वपूर्ण अंतर है।

पैतृक संपत्ति क्या है?

पैतृक संपत्ति वह संपत्ति होती है जो आपके पिता के परिवार की ओर से, कम से कम चार पीढ़ियों से अविभाजित रूप में चली आ रही है। इसमें परदादा के पिता से लेकर वर्तमान पीढ़ी तक संपत्ति पर बराबर का अधिकार होता है। जन्म लेते ही व्यक्ति का अधिकार स्वतः ही इस संपत्ति पर हो जाता है।

विरासत में मिली संपत्ति क्या है?

विरासत में मिली संपत्ति वह है जो किसी भी रिश्तेदार, जैसे माता, भाई, बहन, दादी या मामा-मौसी आदि से मिली हो। यह संपत्ति तभी प्राप्त होती है जब संपत्ति के मालिक की मृत्यु हो जाती है और उसने अपनी संपत्ति को वसीयत (will) द्वारा या बिना वसीयत के ही उत्तराधिकारियों को हस्तांतरित किया हो।

पैतृक संपत्ति से बेदखली के नियम

आमतौर पर भारत में किसी व्यक्ति को पैतृक संपत्ति से आसानी से बेदखल नहीं किया जा सकता। माता-पिता केवल अपनी स्वयं अर्जित संपत्ति से बच्चों को बेदखल कर सकते हैं। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में अदालत के फैसले से किसी को पैतृक संपत्ति से बाहर किया जा सकता है। बेदखल किया गया व्यक्ति पैतृक संपत्ति पर 12 वर्ष के भीतर दावा पेश कर सकता है। कोर्ट विशेष परिस्थिति में इस अवधि के बाद भी दावे की अनुमति दे सकती है।

पैतृक संपत्ति का दर्जा कब खत्म हो जाता है?

पैतृक संपत्ति तब तक पैतृक मानी जाती है जब तक चार पीढ़ियों तक उसका कोई बंटवारा न हुआ हो। जैसे ही किसी एक पीढ़ी द्वारा बंटवारा किया जाता है, संपत्ति अपना ‘पैतृक’ दर्जा खो देती है। इसके बाद, यदि किसी व्यक्ति को संपत्ति से बाहर किया जाता है तो वह इस पर पैतृक संपत्ति का दावा नहीं कर सकता।

चार पीढ़ियों तक अधिकार

पैतृक संपत्ति पर लगातार चार पीढ़ियों (परदादा, दादा, पिता और बेटे) का अधिकार होता है। चौथी पीढ़ी तक यह अधिकार बराबर होता है, और प्रत्येक सदस्य कानूनी रूप से इस संपत्ति पर दावा कर सकता है।

संपत्ति संबंधी विवाद में कानूनी सलाह जरूरी

संपत्ति से जुड़े कानूनी विवादों में सही सलाह और पूरी जानकारी जरूरी है। विवाद होने पर कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लेना लाभकारी होता है।

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