मेरा बेटा अमेरिका में काम करता है,मैं ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर रहा हूँ... ये बातें सुनना हमारे लिए कितने गर्व की बात होती है,है न?दशकों से अमेरिका जाकर डॉलर में कमाना और'अमेरिकन ड्रीम'को जीना ही सफलता का सबसे बड़ा पैमाना माना जाता रहा है. लेकिन अब,कहानी बदल रही है... और यह बदलाव कोई छोटा-मोटा नहीं,बल्कि बहुत बड़ा है.यहदिमाग की बत्ती जलाने वाली बात कही है सरकार के सबसे बड़े थिंक-टैंक,नीति आयोग,के पूर्वCEOऔरG20में भारत के शेरपा,अमिताभ कांत ने. उन्होंने एक ऐसी बात कही है जो शायद सुनने में थोड़ी कड़वी लगे,लेकिन यही आज की सच्चाई है.क्या है वो कड़वा सच?एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमिताभ कांत ने साफ़-साफ़ शब्दों में कहा -"अब अमेरिका को भारतीयों की ज़रूरत नहीं है."उन्होंने समझाया कि अमेरिका की सिलिकॉन वैली,जिसेITकी दुनिया का मक्का माना जाता है,अब लगभग भर चुकी है. वहाँ भारतीय टैलेंट की मांग अब पहले जैसी नहीं रही. उन्होंने आगे कहा कि वहां जाकर बसना और ग्रीन कार्ड हासिल करना तो जैसे अब एवरेस्ट चढ़ने जितना मुश्किल हो गया है.यह उन लाखों भारतीय युवाओं और उनके परिवारों के लिए एक बड़ा झटका है जो आज भी अमेरिका को ही अपनी मंज़िल मानते हैं. लेकिन ठहरिए... यह कहानी का सिर्फ़ एक पहलू है.तो फिर कहाँ है असली'सोने की खान'?अमिताभ कांत ने सिर्फ़ समस्या नहीं बताई,बल्कि उसका समाधान भी दिखाया. उन्होंने कहा कि निराश होने की बिलकुल ज़रूरत नहीं है,क्योंकि जो दरवाज़ा अमेरिका में बंद हो रहा है,उससे कहीं ज़्यादा बड़ा और सुनहरा दरवाज़ा अबहमारे अपने देश,भारत,में खुल रहा है.उन्होंने बताया कि असली अवसर,असली ग्रोथ और असली भविष्य अब कहीं और नहीं,बल्कि भारत में ही है. भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. आज हमारे देश में स्टार्टअप्स की एक ऐसी क्रांति आई है,जो पूरी दुनिया देख रही है. डिजिटल पेमेंट से लेकर स्पेस टेक्नोलॉजी तक,आज भारतीय युवा अपने ही देश में रहकर वो कमाल कर रहे हैं,जो करने के लिए वे पहले विदेश जाया करते थे.कहानी का सार: सपना बदलो,देश नहींअमिताभ कांत का संदेश साफ़ है. अब समय अमेरिका जाकर किसी और की कंपनी में काम करने का नहीं,बल्कि भारत में रहकर अपनी ख़ुद की कंपनी खड़ी करने का है. अब समय'अमेरिकन ड्रीम'देखने का नहीं,बल्कि'इंडियन ड्रीम'को जीने और उसे बनाने का है.तो अगली बार जब कोई विदेश जाने की बात करे,तो उसे यह ज़रूर बताइएगा कि असली'सोने की खान'तो अब यहीं,अपने देश की मिट्टी में है.
You may also like
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले की साजिश का खुलासा: तहसीन सैयद की चौंकाने वाली बातें
हरदाः कलेक्टर की अभिनव पहल, विद्यार्थियों को भविष्य संवारने का सुनहरा मौका
तुझे तो देख लूंगा… और फिर` आया ऐसा खतरनाक तूफान बर्बाद कर गया दो दोस्तों की जिंदगी
ताजमहल की खूबसूरती का राज: मुल्तानी मिट्टी की मड पैकिंग
दुनिया का सबसे महंगा पनीर बनता` है जिस जानवर से वो सोच से भी है बाहर. कीमत सुनकर रोटी हाथ से गिर जाएगी