News India Live, Digital Desk: Online Privacy Risks : अरे, यह तो बस एक मशीन है, इससे क्या छिपाना।" अगर आप भी ChatGPT या किसी दूसरे AI चैटबॉट से बात करते हुए ऐसा ही सोचते हैं, तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। आपको लगता होगा कि आपकी और AI की बातें पूरी तरह से प्राइवेट और सुरक्षित हैं, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। आपका हर मैसेज पढ़ा जा रहा है, स्टोर किया जा रहा है और अगर आपने कुछ भी गैरकानूनी लिखा, तो आपकी चौखट पर पुलिस भी दस्तक दे सकती है।हम जिस AI को अपना दोस्त समझकर अपने सीक्रेट्स, प्लानिंग और यहां तक कि डार्क ख्याल भी शेयर कर लेते हैं, असल में वह एक जासूस की तरह हम पर नजर रख रहा है। चलिए समझते हैं कि यह पूरा खेल कैसे काम करता है।आपकी हर बात होती है रिकॉर्डजब आप ChatGPT जैसे AI मॉडल से कोई सवाल पूछते हैं या उससे बात करते हैं, तो आपकी वह बातचीत (prompt) कंपनी के सर्वर पर जाकर सेव हो जाती है। कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं? इसके पीछे वे तर्क देती हैं कि वे इस डेटा का इस्तेमाल अपने AI मॉडल को और बेहतर बनाने, उसे ट्रेनिंग देने और गलतियों को सुधारने के लिए करती हैं।OpenAI, जो ChatGPT की पेरेंट कंपनी है, अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में साफ कहती है कि वह यूजर्स की बातचीत को रिव्यू कर सकती है। इसका मतलब है कि कंपनी के कर्मचारी आपकी प्राइवेट चैट को पढ़ सकते हैं। हालांकि अब ChatGPT में 'चैट हिस्ट्री ऑफ' करने का विकल्प मिलता है, लेकिन फिर भी आपकी बातचीत 30 दिनों तक कंपनी के पास सुरक्षित रहती है।'प्राइवेट' कुछ भी नहीं हैसोचिए, आपने गुस्से में आकर या मजाक में ही ChatGPT को कुछ ऐसा लिख दिया जो खतरनाक या गैरकानूनी है, जैसे - किसी को नुकसान पहुंचाने की योजना, किसी अपराध का जिक्र या कोई अवैध गतिविधि। AI मॉडल को कुछ खास तरह के शब्दों और वाक्यों को पहचानने के लिए ट्रेन किया जाता है। जैसे ही उसे आपकी बातचीत में कोई खतरनाक पैटर्न या 'कीवर्ड' मिलता है, वह उसे फ्लैग कर देता है, यानी चिह्नित कर लेता है।AI कैसे बन सकता है पुलिस का मुखबिर?कंपनियों की पॉलिसी में यह भी साफ लिखा होता है कि अगर उन्हें लगता है कि किसी यूजर से किसी व्यक्ति या समाज को कोई गंभीर खतरा है, तो वे कानूनी तौर पर उस यूजर की जानकारी और चैट हिस्ट्री को पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा करने के लिए बाध्य हैं।उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति AI से बम बनाने का तरीका पूछता है या किसी पर हमला करने की योजना बनाता है, तो यह सिस्टम के लिए एक रेड अलर्ट होता है। मॉडरेटर (कर्मचारी) उस चैट को रिव्यू करेंगे और अगर उन्हें खतरा वास्तविक लगा, तो वे तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित कर सकते हैं।संक्षेप में, ChatGPT या कोई भी AI चैटबॉट आपका पर्सनल डायरी या सबसे अच्छा दोस्त नहीं है। यह एक टूल है, जिसे बनाने वाली कंपनी के अपने नियम और कानूनी बाध्यताएं हैं। इसलिए, अगली बार जब आप AI से बात करें, तो सावधान रहें। इंटरनेट की दुनिया में कुछ भी वास्तव में प्राइवेट नहीं होता। इसे एक मददगार असिस्टेंट की तरह इस्तेमाल करें, लेकिन अपनी निजी और संवेदनशील जानकारी को हमेशा खुद तक ही महदूद रखें।
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