आपकी रसोई में रखा सुनहरा मसाला'हल्दी',किसी जादू से कम नहीं है। सदियों से यह न सिर्फ खाने का रंग और स्वाद बढ़ाता आया है,बल्कि यह आयुर्वेद की सबसे ताकतवर औषधियों में से एक भी है। इसका मुख्य यौगिक'करक्यूमिन'सूजन घटाने,इन्फेक्शन से लड़ने और घावों को भरने में माहिर है।आजकल लोग हल्दी के फायदों को देखते हुए इसे कई तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं,जिनमें दो तरीके सबसे ज़्यादा मशहूर हैं-हल्दी का पानीऔरहल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क)। लेकिन ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि इन दोनों का शरीर पर असर बिल्कुल अलग होता है,और इन्हें पीने का सही समय भी अलग है। गलत समय पर पीने से आपको पूरा फायदा नहीं मिलता।तो चलिए,आज इस दुविधा को हमेशा के लिए खत्म करते हैं।हल्दी का पानी: सुबह का'डिटॉक्स ड्रिंक'कैसे बनाएं:एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी,चाहें तो साथ में कुछ बूंदें नींबू और एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं।इसे कब पिएं:सुबह खाली पेट।क्यों है यह सुबह के लिए बेस्ट?शरीर की सफाई:सुबह-सुबह हल्दी का पानी पीना शरीर को जगाने और अंदर से'डिटॉक्स'करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह लिवर को साफ करता है और शरीर से गंदगी बाहर निकालता है।पाचन सुधारे:यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को किक-स्टार्ट करता है और पेट फूलने (ब्लोटिंग) जैसी समस्याओं से बचाता है।वजन घटाने में मददगार:इसमें कैलोरी न के बराबर होती है,इसलिए जो लोग वजन घटाना चाहते हैं,उनके लिए यह एक बेहतरीन मॉर्निंग ड्रिंक है।इसकी कमी:हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पानी में ठीक से घुलता नहीं है। इसलिए शरीर इसे पूरी तरह सोख नहीं पाता। यह हल्की-फुल्की समस्याओं के लिए तो ठीक है,लेकिन गहरे दर्द या सूजन में ज़्यादा असरदार नहीं है।हल्दी वाला दूध: रात का'हीलिंग ड्रिंक'कैसे बनाएं:एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी,एक चुटकी काली मिर्च और थोड़ा-सा अदरक या दालचीनी मिलाकर उबालें।इसे कब पिएं:रात को सोने से पहले।क्यों है यह रात के लिए बेस्ट?दर्द और सूजन का दुश्मन:दूध में मौजूद फैट की वजह से हल्दी का करक्यूमिन शरीर में कई गुना बेहतर तरीके से सोख लिया जाता है। इसलिए यहजोड़ों के दर्द और अंदरूनी सूजनपर रामबाण की तरह काम करता है।इम्यूनिटी का बूस्टर:यह सर्दी-खांसी और मौसमी इन्फेक्शन से लड़ने के लिए शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है।गहरी नींद का साथी:गर्म दूध शरीर को आराम देता है,वहीं हल्दी दिमाग को शांत करती है,जिससे आपको गहरी और आरामदायक नींद आती है।इसकी कमी:हल्दी वाले दूध में कैलोरी ज़्यादा होती है,और जिन लोगों को दूध से एलर्जी (लैक्टोज इंटॉलरेंस) है,वे इसे नहीं पी सकते।तो मेरे लिए क्या है बेहतर?आपका लक्ष्यहल्दी का पानी (सुबह)हल्दी वाला दूध (रात)मॉर्निंग डिटॉक्सबेस्ट-वजन घटानाबेस्टनहींजोड़ों का दर्द/सूजनहल्का असरबहुत असरदारसर्दी/खांसी/इम्युनिटीहल्का असरबेस्टअच्छी नींद-बेस्टनिष्कर्ष:यह कोई लड़ाई नहीं है कि कौन बेहतर है।हल्दी का पानी सुबह आपके शरीर को जगाता और साफ करता है,वहींहल्दी वाला दूध रात में आपके शरीर को हील और रिपेयर करता है।दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। आप चाहें तो सुबह हल्दी का पानी और रात में हल्दी वाला दूध,दोनों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना सकते हैं और इस सुनहरे मसाले का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
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