अब भारत ने विश्व स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है, जिससे वह चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे सस्ता विनिर्माण हब बन गया है. अमेरिकी शोध कंपनी जेएलएल (JLL) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 की चौथी तिमाही में चीन के औसत श्रम वेतन में 5.5% की वार्षिक वृद्धि के कारण उत्पादन लागत बढ़ गई है, जिससे वह अब विनिर्माण के लिए कम आकर्षक विकल्प बन गया है.
भारत में 2023 में विनिर्माण क्षेत्र में वेतन लागत में सिर्फ 2.4% की वार्षिक वृद्धि हुई है, जो दुनिया के सबसे कम दर वाले देशों में से एक है. यह चीन के बढ़ते वेतन और भू-राजनीतिक चुनौतियों, जैसे ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति, यूक्रेन-रूस युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष, और कोरोना महामारी के बाद चीन-अमेरिका संबंधों में गिरावट का प्रत्यक्ष परिणाम है. कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब चीन के प्रति अपने ‘ओवर-रिलीयांस’ (अत्यधिक निर्भरता) को कम करना चाहती हैं और अपने वैश्विक विनिर्माण आधार को diversify कर रही हैं, जिसका फायदा भारत को मिल रहा है.
जेएलएल के सर्वेक्षण से पता चला है कि वैश्विक विनिर्माण में लगभग 34% कंपनियां अपनी भविष्य की निवेश योजनाओं के लिए चीन से दूर देख रही हैं, और इनमें से 29% एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों पर विचार कर रही हैं. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कैसे आपूर्ति श्रृंखला की बदलती प्राथमिकताएं, सस्ते श्रम की उपलब्धता और भू-राजनीतिक जोखिमों में कमी भारत को एक पसंदीदा विकल्प बना रही है. जेएलएल ने कहा कि इस बदलाव को भारत के सक्रिय ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं से भी समर्थन मिला है, जिसने भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश को आकर्षित किया है. यह विकास न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा, जिससे भारत का भविष्य और उज्जवल होगा.
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