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करनाल में मुस्लिम समुदाय की एकता: शहीद विनय नरवाल के हत्यारों को फांसी की मांग

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करनाल में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता

करनाल में मुस्लिम समुदाय ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई: करनाल की सड़कों पर एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जहां मुस्लिम समाज के लोग आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे थे।


यह एकता और आक्रोश कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में था, जिसमें करनाल के वीर सपूत, नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। समाज के सदस्यों ने न केवल आतंकवाद की कड़ी निंदा की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शहीद के हत्यारों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने की मांग भी की। यह प्रदर्शन करनाल के साथ-साथ पूरे देश के लिए एकता और साहस का प्रतीक बन गया।


करनाल में आतंकवाद के खिलाफ हुंकार

शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद करनाल की मस्जिदों से सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे। यह रोष प्रदर्शन हरियाणा राज्य हज कमेटी के पूर्व मीडिया समन्वयक खुर्शीद आलम के नेतृत्व में आयोजित किया गया।


प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद का पुतला जलाया और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए। इस एकता की मिसाल देखकर हर कोई हैरान था। खुर्शीद आलम ने कहा, 'हमारा समाज शांति और भाईचारे का पक्षधर है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और हम इसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे।'


शहीद विनय नरवाल को श्रद्धांजलि

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी, करनाल के गौरव थे। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में उनकी शहादत ने पूरे शहर को झकझोर दिया।


प्रदर्शन के दौरान लोग उनकी तस्वीरें लिए हुए थे, और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। समाज के सदस्यों ने एक स्वर में कहा, 'विनय हमारे भाई थे। उनके हत्यारों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो दूसरों के लिए एक सबक बने।'


पीएम को पत्र: सख्त कार्रवाई की मांग

प्रदर्शन के बाद, मुस्लिम समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और हत्यारों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की। पत्र में लिखा गया, 'करनाल का मुस्लिम समाज देश की एकता और अखंडता के साथ खड़ा है।


हम चाहते हैं कि शहीद विनय के हत्यारों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जाए, ताकि आतंकियों में खौफ पैदा हो।' इस पत्र पर समाज के गणमान्य लोगों, जैसे नदीम अहमद, शहजाद, मौलाना मसूद हसन, सलीम खान और तासीम ने हस्ताक्षर किए।


एकता का संदेश, देश के नाम

यह प्रदर्शन केवल एक समुदाय की आवाज नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश था। करनाल के लोगों ने साबित किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई धर्म या समुदाय अलग नहीं है।


खुर्शीद आलम ने कहा, 'हमारा देश हमारी पहचान है। शहीद विनय नरवाल की कुर्बानी को हम कभी नहीं भूलेंगे।' इस प्रदर्शन में शामिल लोगों ने यह भी अपील की कि समाज में भाईचारा और शांति बनी रहे, ताकि आतंकवाद जैसी बुराइयों को जड़ से खत्म किया जा सके।


आगे की राह

करनाल का यह प्रदर्शन न केवल शहीद के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान भी है।


समाज के लोगों ने सरकार से अपील की है कि वह ऐसी नीतियां बनाए, जिनसे आतंकवाद को पूरी तरह कुचला जा सके। यह घटना हमें याद दिलाती है कि देश की रक्षा में हर नागरिक की जिम्मेदारी है। करनाल के इस साहसिक कदम ने पूरे देश को प्रेरित किया है कि हम सब मिलकर एक मजबूत और सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकते हैं।


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