मथुरा भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली है और यहां कई मंदिर हैं, जो पूरे विश्व में बहुत प्रसिद्ध हैं। प्रतिदिन लाखों भक्त उनके दर्शन हेतु ब्रज आते हैं। साथ ही, कई मंदिर ऐसे भी हैं जिनका इतिहास बहुत पुराना है और उनमें कई ऐसी धार्मिक चीजें रखी हुई हैं जो कभी-कभी लोगों को हैरान कर देती हैं। ऐसा ही एक मंदिर है गायत्री माता का जो मथुरा वृंदावन रोड पर स्थित है, जिसे गायत्री तपोभूमि के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मथुरा स्थित यह मंदिर बेहद खास है। क्योंकि यह विश्व का पहला गायत्री मंदिर भी है। जिसका निर्माण एवं स्थापना तपस्वी श्री वेदमूर्ति पंडित श्री राम शर्मा आचार्य ने 1953 में की थी। मंदिर की स्थापना के समय उन्होंने इस स्थान पर अनेक साधकों द्वारा 24 लाख गायत्री मंत्र का जप, सवा लाख गायत्री चालीसा का पाठ, यजुर्वेद, गीता, रामायण का पाठ, गायत्री सहस्रनाम का पाठ, गायत्री कवच, दुर्गा सप्तशती का पाठ, महामृत्युजंय मंत्र का जप आदि महान कार्य संपन्न कराए थे। श्री राम शर्मा आचार्य जी ने 30 मई 1953 से 22 जून 1953 तक लगातार 24 दिनों तक केवल पवित्र गंगा जल पीकर उपवास किया था।
इस मंदिर की और भी कई विशेषताएं हैं, इस मंदिर में 2400 तीर्थ स्थानों से लाया गया पवित्र जल और मिट्टी रखी गई है। साथ ही, इस मंदिर में 2400 करोड़ बार हाथ से लिखा गया गायत्री मंत्र भी रखा हुआ है, जो इस मंदिर की विशेषता को काफी बढ़ा देता है। इसके अलावा, हर गंगा दशहरा पर इस मंदिर में एक भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। अगर आप भी इस मंदिर में दर्शन करने आना चाहते हैं तो सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक किसी भी समय मंदिर में आ सकते हैं। यह मंदिर मथुरा वृंदावन रोड पर मसानी चौराहे के पास स्थित है।
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