Next Story
Newszop

रॉयल्टी घाटे को कम करने के लिए सरकार खनिजों के परिवहन में पारगमन पास के दुरुपयोग की जांच करेगी

Send Push

राज्य सरकार खनिजों के परिवहन के लिए ट्रांजिट पास के दुरुपयोग से जुड़ी भ्रष्ट गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एक तंत्र विकसित करेगी, ताकि रॉयल्टी की हानि को रोका जा सके। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां उद्योग विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये निर्देश दिए। उन्होंने खनिजों के परिवहन के लिए कई मौकों पर फर्जी ट्रांजिट पास के इस्तेमाल की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को रॉयल्टी का बड़ा नुकसान हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने पहले नियम 81ए पेश किया था, जिसके तहत ट्रांजिट पास उपलब्ध न होने की स्थिति में पंचायतों और विकास कार्य करने वाली अन्य कार्यकारी एजेंसियों से प्रति टन 80 रुपये रॉयल्टी और 20 रुपये जुर्माना काटने का प्रावधान है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने नियम 81ए के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी और मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को निर्धारित की गई थी। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को विकास कार्यों के समय पर निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित समाधान और विकल्प तलाशने के निर्देश दिए। पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उनसे इस मुद्दे के समाधान का आग्रह किया। बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, महाधिवक्ता अनूप रतन, सचिव (विधि) शरद कुमार लगवाल और निदेशक उद्योग यूनुस शामिल हुए।

Loving Newspoint? Download the app now