New Delhi, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विजयदशमी पर अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है. प्रधानमंत्री ने इस बार अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में विशेष रूप से इसका उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना देश को वैचारिक गुलामी से बचने के लिए की गई थी. संघ के स्वयंसेवक राष्ट्र प्रथम की भावना से देश समाज पर आए किसी भी संकट से निपटने में अपनी भूमिका निभाते हैं.
‘मन की बात’ के 126वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा कि संघ की “एक शताब्दी की ये यात्रा जितनी अद्भुत है, अभूतपूर्व है, उतनी ही प्रेरक है.” परम पूज्य डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जी ने 1925 में विजयादशमी के पावन अवसर पर ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ की स्थापना की. डॉक्टर साहब के जाने के बाद परम पूज्य गुरुजी ने राष्ट्र सेवा के इस महायज्ञ को आगे बढ़ाया.
उन्होंने कहा कि परम पूज्य गुरुजी कहा करते थे- “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम यानी, ये मेरा नहीं है, ये राष्ट्र का है.” इसमें स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए समर्पण का भाव रखने की प्रेरणा है. गुरुजी गोलवरकर जी के इस वाक्य ने लाखों स्वयंसेवकों को त्याग और सेवा की राह दिखाई है.
उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आए संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले वहाँ पहुँच जाते हैं. लाखों लाख स्वयंसेवकों के जीवन के हर कर्म, हर प्रयास में राष्ट्र प्रथम की यह भावना हमेशा सर्वोपरि रहती है.
—————
(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
You may also like
नई किस्म वाला सुरक्षा रास्ता दिखाती है वैश्विक सुरक्षा पहल
सिनेमा की 'हिट गर्ल': अपने दौर की सबसे महंगी हीरोइन थीं आशा पारेख, मेल एक्टर्स से भी ज्यादा लेती थीं फीस
चीनी विदेश मंत्रालय ने यूएन 2758 प्रस्ताव के बारे में चीन के पक्ष पर जारी किया दस्तावेज
IND vs WI 1st Test Prediction: भारत बनाम वेस्टइंडीज! यहां देखें संभावित XI, पिच रिपोर्ट और लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़ी सभी जानकारी
तेजस MK-1A लड़ाकू विमानों के लिए नए इंजन की डिलीवरी से बढ़ेगी वायुसेना की ताकत