शिमला, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश को मौजूदा बरसात और आपदा की गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित प्रदेश घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में आपदा से नुकसान पर एक विशेष वक्तव्य में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जब तक बरसात का दौर चलता रहेगा, तब तक हिमाचल आपदा प्रभावित राज्य रहेगा और मौसम सामान्य होने पर इस आदेश को वापस लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सदन में जानकारी दी कि प्रदेश में भारी वर्षा, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ से अब तक 3,056 करोड़ रुपये का प्रारंभिक नुकसान आंका गया है। इसमें सबसे अधिक क्षति सड़कों, पुलों, पेयजल और बिजली की संरचनाओं को हुई है। सबसे प्रभावित जिलों में चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी, शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर शामिल हैं।
चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु फंस गए थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि 15 हजार यात्रियों में से अब तक 10 हजार को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचा दिया गया है। शेष यात्रियों के लिए भी लगातार निकासी अभियान चलाया जा रहा है। सरकार ने हेलीकॉप्टर, बसों और अन्य माध्यमों से राहत व बचाव कार्य तेज किए हैं। उन्होंने कहा कि 500 श्रद्धालु जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं, उन्हें विशेष व्यवस्था के तहत हेलीकॉप्टर से निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राहत व बचाव कार्यों को तेजी देने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, पर्वतारोहण संस्थान मनाली की टीम, पुलिस बल और स्वयंसेवी संगठन तैनात किए गए हैं। चंबा के भरमौर और अन्य क्षेत्रों में आवश्यक राशन, दवाइयां और सामग्री भी पहुंचाई गई है। चंबा-पठानकोट मार्ग को खोल दिया गया है और भरमौर की तरफ 25 किलोमीटर तक सड़क बहाल कर दी गई है।
कुल्लू जिले में मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग की बहाली युद्ध स्तर पर जारी है। वैकल्पिक तौर पर कमांद-कटौला मार्ग पर छोटे वाहनों को चलाया जा रहा है। अधिकांश स्थानों पर बिजली और संचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। पुराना मनाली पुल भी छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।
लाहौल-स्पीति में भी स्थिति सामान्य करने के प्रयास जारी हैं। यहां मोबाइल नेटवर्क बहाल किया गया है, बिजली उत्पादन शुरू हो गया है और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से राशन व दवाइयां पहुंचाई गई हैं। पांच मरीजों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित कुल्लू लाया गया, जिनमें एक गर्भवती महिला और एक बच्चा भी शामिल है। प्रभावित लोगों को होटल, होमस्टे, महिला मंडलों और विश्राम गृहों में ठहराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जिलों, राज्य और केंद्र सरकार के विभागों को युद्ध स्तर पर राहत, बचाव और पुनर्निर्माण कार्य करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर प्रभावित परिवार को पुनः बसाने और उन्हें आर्थिक तंगी से उबारने के लिए सरकार पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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