उत्तराखंड में बीते दिन मौसम ने अचानक पलटी मारी और झमाझम बारिश ने चिलचिलाती गर्मी को विदाई दी। हरे-भरे पहाड़ों और घाटियों में बारिश की बूंदों ने एक ताजगी भरा माहौल बनाया। देहरादून से लेकर मसूरी, नैनीताल और अल्मोड़ा तक, प्रकृति का यह अनोखा रूप देखने लायक था। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बारिश ने न सिर्फ मौसम को सुहाना बनाया, बल्कि खेत-खलिहानों को भी नई जिंदगी दी। (Uttarakhand weather)
नदियां उफान पर, सतर्क रहने की जरूरतबारिश के साथ ही उत्तराखंड की नदियां और नाले उफान पर हैं। गंगा, यमुना और अलकनंदा जैसी नदियों में पानी का स्तर बढ़ा है, जिससे निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने की जरूरत है। देहरादून मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में बताया कि अगले कुछ घंटों में पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तेज हवाओं और आकाशीय बिजली (Thunderstorms) का भी खतरा बना हुआ है। विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
प्रकृति का सुकून, लेकिन सावधानी जरूरीयह बारिश जहां एक ओर राहत लेकर आई है, वहीं कुछ चुनौतियां भी साथ लाई है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन (Landslides) का खतरा बढ़ गया है, जिसके चलते यात्रियों और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के इस दौर में छाता और रेनकोट साथ रखना जरूरी है। साथ ही, बिजली गिरने की स्थिति में खुले मैदानों से दूर रहें और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें। (Monsoon safety tips)
किसानों के चेहरे पर मुस्कानउत्तराखंड के किसानों के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं। लंबे समय से सूखे की मार झेल रहे खेतों में अब हरियाली लौटने की उम्मीद जगी है। स्थानीय किसान रमेश सिंह ने बताया, “यह बारिश फसलों के लिए संजीवनी बूटी की तरह है। धान और मक्के की फसल को अब नया जीवन मिलेगा।” (Agriculture in Uttarakhand) बारिश ने न सिर्फ खेती को सहारा दिया, बल्कि पर्यटकों के लिए भी पहाड़ों की खूबसूरती को और निखार दिया।
मौसम का पूर्वानुमान और सलाहमौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश का यह सिलसिला जारी रह सकता है। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और नैनीताल जैसे जिले इस बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। विभाग ने सुझाव दिया है कि लोग अपने यात्रा प्लान को मौसम के हिसाब से बनाएं और सड़क पर फिसलन (Slippery roads) से बचने के लिए सावधानी बरतें। स्थानीय प्रशासन भी हालात पर नजर रखे हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
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