Kartik Purnima Deepdan : हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र माना गया है।
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025, बुधवार के दिन पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन व्रत, दान और विशेष रूप से दीपदान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है।
इस तिथि पर देव दीपावली और गुरु नानक जयंती भी मनाई जाती है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्वयं भगवान विष्णु पृथ्वी लोक पर आते हैं और माता लक्ष्मी के साथ विचरण करते हैं।
उनके दर्शन व आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर कितने दीये जलाना शुभ होता है?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर विषम संख्या में दीप जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
आप 5, 7, 11, 21, 51 या 101 दीये जला सकते हैं। कहा जाता है कि इन संख्याओं में दीप जलाने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
विशेष रूप से, 365 बातियों वाला एक बड़ा दीया जलाना अत्यंत शुभ फल देने वाला माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि जो व्यक्ति इस दिन 365 बातियों का दीप प्रज्वलित करता है, उसे पूरे वर्ष की पूर्णिमाओं का फल प्राप्त होता है।
दीपदान करने की विधि: कब और कैसे करें पूजा
यदि संभव हो तो इस दिन प्रातःकाल गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि नदी तक जाना संभव न हो, तो घर पर स्नान करते समय जल में गंगाजल मिलाएं।
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी या भगवान शिव की पूजा करें।
इसके बाद घर में या बाहर दीपदान करें —
- तुलसी के पौधे के नीचे
 - पीपल वृक्ष के पास
 - आंगन, बालकनी, छत या मुख्य द्वार पर दीपक रखें।
 
प्रत्येक दीपक में शुद्ध घी या सरसों का तेल अवश्य होना चाहिए। दीप जलाते समय “ॐ नमो नारायणाय” या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना गया है।
दीपदान का लाभ: क्यों विशेष है यह तिथि
कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया दीपदान साधक को असीम पुण्य प्रदान करता है। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। आर्थिक प्रगति और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है। मन में स्थिरता और आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है।
शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन एक दीपक भी सच्चे भाव से जलाया जाए तो उसके फल का अंत नहीं होता।
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का शुभ मुहूर्त
2025 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में दीपदान करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। इस वर्ष दीपदान का शुभ समय शाम 5 बजकर 15 मिनट से लेकर 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
इसी अवधि में पूजा और दीपदान करने से शुभ फल प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व केवल दीप जलाने का नहीं, बल्कि अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रतीक है।
इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया दीपदान जीवन के सभी अंधकारों को मिटा देता है।
यदि आप पूरे मन से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं, तो निश्चय ही आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का प्रकाश फैल जाएगा।
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