देहरादून में हाल ही में आई भीषण आपदा ने जिले को भारी नुकसान पहुंचाया है। जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्स्थापना कार्यों को तेज करने के लिए कमर कस ली है। ऋषिपर्णा सभागार में देर शाम हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में डीएम ने सभी विभागों के साथ मिलकर नुकसान का जायजा लिया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। अनुमान के मुताबिक, 15 सितंबर की रात को हुई भारी बारिश से जिले को 211 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है, और अभी भी नुकसान का आकलन जारी है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में DM का दौरा और समीक्षाडीएम सविन बंसल ने आपदा से प्रभावित सभी क्षेत्रों का दौरा किया और राहत व बचाव कार्यों को जमीन पर उतारा। मझाड़, कार्लीगाड, फुलैत, छमरोली, क्यारा, सरोना, भितरली किमाड़ी, सिल्ला, चामासारी, पुरकुल और धनोला जैसे क्षेत्रों में हुए नुकसान की गहन समीक्षा की गई। डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), उप जिलाधिकारियों (एसडीएम), अधीक्षण अभियंताओं और कृषि, पशुपालन व उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बिजली, सड़क, पेयजल की बहाली और घर, खेत, फसलों के लिए त्वरित मुआवजा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है।
त्वरित राहत और मुआवजा वितरणडीएम ने हर आपदा प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाने को प्रशासन का कर्तव्य बताया। इसके लिए उन्होंने हर क्षेत्र में सीनियर क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) तैनात की है, जो अहैतुक, गृह और अनुगृह मुआवजे का वितरण सुनिश्चित कर रही है। सहस्त्रधारा, मझाड़ (कार्लीगाड), भितरली किमाड़ी और सिरोना-फुलैत जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए पूरे जिले के नुकसान को रिकॉर्ड किया गया है। डीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि बजट की प्रतीक्षा किए बिना प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल व्यवस्था की जाए और जिला व शासन को प्रस्ताव भेजे जाएं।
सड़क और बिजली की बहाली पर जोरजिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) और पीएमजीएसवाई को निर्देश दिए कि संपर्क से कटे हुए गांवों को युद्धस्तर पर जोड़ा जाए। साथ ही, बिजली, पेयजल और अन्य जरूरी सेवाओं को शत-प्रतिशत बहाल करने के लिए प्रतिदिन निगरानी करने को कहा। डीएम ने विद्युत विभाग, जल संस्थान, पेयजल निगम, सिंचाई, कृषि, पशुपालन और उद्यान विभागों को त्वरित कार्रवाई के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सभी विभाग संयुक्त सर्वे करें और भवन, फसल, पशु और उद्यान की क्षति का आकलन कर मुआवजा “हैंड-टू-हैंड” वितरित करें।
कितना हुआ नुकसान?आपदा से जिले को हुए नुकसान का आकलन अभी जारी है, लेकिन प्रारंभिक अनुमान के अनुसार कुल 211 करोड़ रुपये से ज्यादा की क्षति हुई है। इसमें लोनिवि के 13 पुलों और जाखन पुल के पास एनएचआई की एप्रोच को 13.46 करोड़, पेयजल निगम को 18.23 करोड़, जल संस्थान को 13.31 करोड़, सिंचाई विभाग को 64.50 करोड़, विद्युत विभाग को 10.63 करोड़, शिक्षा विभाग को 4.18 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग को 4.15 करोड़, लोनिवि को 46 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को 35 लाख, कृषि विभाग को 54 लाख, उद्यान विभाग को 8.78 लाख और पीएमजीएसवाई को 26.38 करोड़ का नुकसान शामिल है। सभी विकासखंडों में 9.23 करोड़ की अनुमानित क्षति हुई है।
प्रशासन की प्रतिबद्धताबैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के.के. मिश्रा, अधीक्षण अभियंता (सिंचाई) संजय राय, अधीक्षण अभियंता (लोनिवि) ओमपाल सिंह, अधीक्षण अभियंता (यूपीसीएल) श्री जैन, अधीक्षण अभियंता (जल संस्थान) नमित रमोला, अधीक्षण अभियंता (पीएमजीएसवाई) आरएस गुंसाई सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। डीएम ने सभी विभागों से स्पष्ट कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए जिम्मेदारी के साथ काम करें, ताकि जिले में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल हो सके।
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