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नया वायरस मचा रहा हाहाकार: इस देश में आपातकाल, सीमाओं पर सख्ती, स्कूल-कॉलेज बंद!

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जापान में इन्फ्लूएंजा के मामलों में अचानक तेज उछाल देखने को मिला है, जिसके बाद सरकार ने पूरे देश में महामारी की घोषणा कर दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार का वायरस पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अस्पतालों में बेड्स की कमी हो रही है और स्कूल-कॉलेजों को तुरंत बंद करना पड़ा है।

वायरस की रफ्तार ने बढ़ाई चिंता

आमतौर पर जापान में हर साल फ्लू का मौसम आता है, लेकिन इस बार यह पिछले साल से पांच हफ्ते पहले ही दस्तक दे चुका है। यह तेजी स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस न सिर्फ तेजी से फैल रहा है, बल्कि यह लगातार अपने रूप बदलकर परिस्थितियों के हिसाब से ढल रहा है। न केवल जापान, बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी ऐसे ही पैटर्न देखे जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने लोगों से सावधानी बरतने और खासकर अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।

वायरस ने बनाई दवाओं के खिलाफ ताकत

होक्काइडो हेल्थ साइंसेज़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर योको त्सुकामोटो ने बताया, “इस साल फ्लू का सीजन बहुत जल्दी शुरू हो गया है। बदलते वैश्विक हालात में यह नया सामान्य हो सकता है।” शोध में यह भी पता चला है कि यह वायरस न केवल तेजी से फैल रहा है, बल्कि इसने पारंपरिक दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित कर ली है। इस वजह से इसका इलाज पहले से ज्यादा मुश्किल हो गया है।

दुनिया भर में बढ़ रहा खतरा

प्रोफेसर त्सुकामोटो के अनुसार, जापान में पिछले दो दशकों में यह दूसरा मौका है, जब फ्लू इतनी जल्दी और इतने बड़े पैमाने पर फैला है। उन्होंने चेतावनी दी कि वायरस का यह प्रतिरोधी रूप दुनिया के अन्य हिस्सों में भी दिखाई दे रहा है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो रही है।

पर्यटन और यात्राएं बनीं वायरस की रफ्तार का कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड महामारी के बाद बढ़ी हुई अंतरराष्ट्रीय यात्राएं और पर्यटन इस वायरस के फैलने का बड़ा कारण बने हैं। लोगों की आवाजाही बढ़ने से वायरस को नई जगहों पर फैलने का मौका मिला है। यह वायरस अलग-अलग वातावरणों में खुद को ढालने में सक्षम हो गया है, जिसने इसके संक्रमण चक्र को और तेज कर दिया है।

जापान में स्कूल-कॉलेज बंद, अस्पतालों में हड़कंप

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 22 सितंबर से शुरू हुए सप्ताह में 4,030 नए मरीजों का इलाज किया गया, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 957 ज्यादा है। प्रति संस्थान औसतन 1.04 मरीज दर्ज किए गए हैं, जो महामारी की सीमा से ऊपर है। बढ़ते मामलों के चलते देशभर में 135 स्कूल, किंडरगार्टन और चाइल्डकेयर सेंटर बंद कर दिए गए हैं। यह संख्या पिछले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा है।

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