लुधियाना: पंजाब की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में आज एक बार फिर इंसानियत की मिसाल कायम हुई। अहरार फाउंडेशन ने बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए 50 लाख रुपये की सहायता राशि चेक के रूप में बांटी। इस नेक काम के पीछे पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी की अगुवाई रही, जिन्होंने मुस्लिम भाईचारे की ओर से आयोजित इस समारोह में लोगों का हौसला बढ़ाया।
पहले भी खुल चुका है मदद का खजानायह कोई पहली बार नहीं है जब अहरार फाउंडेशन ने बाढ़ पीड़ितों का साथ दिया हो। पिछले हफ्ते भी फाउंडेशन ने 50 लाख रुपये और फिर 30 लाख रुपये की सहायता राशि बांटी थी। इतना ही नहीं, अलग-अलग इलाकों में कैंप लगाकर दवाइयां और एंबुलेंस के लिए भी 50 लाख रुपये खर्च किए गए। यह सिलसिला बताता है कि अहरार फाउंडेशन बाढ़ पीड़ितों के लिए हर कदम पर साथ खड़ा है।
“साथ देना हमारा धर्म, मोहब्बत हमारा संदेश”समारोह में शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने दिल छू लेने वाली बातें कहीं। उन्होंने कहा, “पंजाब में बाढ़ से प्रभावित अपने भाई-बहनों का साथ देना हमारा धर्म सिखाता है। यह सिर्फ मदद नहीं, बल्कि मोहब्बत का पैगाम है। पंजाब की धरती पर हर धर्म के लोग हमेशा से एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ देते आए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम भाईचारा बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए आखिरी सांस तक मेहनत करता रहेगा।
“जब तक जिंदगी पटरी पर न आए, हम साथ हैं”शाही इमाम ने यह भी दोहराया कि बाढ़ पीड़ितों की सेवा पहले दिन से शुरू की गई थी और यह तब तक जारी रहेगी, जब तक हर पीड़ित की जिंदगी सामान्य नहीं हो जाती। उनकी यह बातें न सिर्फ हौसला देती हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देती हैं।
इन लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथइस मौके पर मुहम्मद मुस्तकीम, अब्दुल कबीर, माइकल सिंह, मुहम्मद सैफ, अब्दुल नूर, हाजी इनमुल्लाह, कारी अब्दुल बासित, सोनू कुमार, नवाब अली जैसे कई लोग मौजूद थे, जिन्होंने इस नेक काम में अपना योगदान दिया।
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